फोटो गैलरी

Hindi News Entertainment Web-seriesScoop Review Hansal Mehta gripping drama series arishma Tanna career best performance

Scoop Review: जबरदस्त डायरेक्शन, बांधे रखने वाली कहानी... हंसल मेहता ने सेट किया हाई स्टैंडर्ड

हंसल मेहता की वेब सीरीज स्कूप नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। वेब सीरीज में करिश्मा तन्ना, प्रोसेनजीत चटर्जी, मोहम्मद जीशान अय्यूब और हरमन बावेजा है। इसकी कहानी पत्रकार जिग्ना वोरा के इर्द गिर्द है।

Scoop Review: जबरदस्त डायरेक्शन, बांधे रखने वाली कहानी... हंसल मेहता ने सेट किया हाई स्टैंडर्ड
Shrilataलाइव हिंदुस्तान,मुंबईFri, 02 Jun 2023 02:05 PM
ऐप पर पढ़ें

वेब सीरीज: स्कूप
कलाकार: करिश्मा तन्ना, मोहम्मद जीशान अय्यूब, प्रोसेनजीत चटर्जी और हरमन बावेजा
डायरेक्टर: हंसल मेहता
ओटीटी: नेटफ्लिक्स
निर्देशक हंसल मेहता की वेब सीरीज स्कूप नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। हंसल मेहता को स्कैम 1992 से जमकर वाहवाही मिली। अब एक बार फिर से वह दर्शकों के सामने हाजिर हैं। सीरीज के ट्रेलर को काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली जिसके बाद इससे भी उतनी ही उम्मीदें थीं। 6 एपिसोड की यह सीरीज अपनी क्रिएटिविटी, लेखन और कलाकारों की परफॉर्मेंस से अंत तक बांधे रखती है। हंसल मेहता एक नया स्टैंडर्ड सेट करते दिख रहे हैं। इसकी कहानी मृणमयी लागू वैकुल और मीरत त्रिवेदी ने लिखे हैं। डायलॉग करण व्यास के हैं। 

पत्रकार जिग्ना वोरा की कहानी
वेब सीरीज पत्रकार जिग्ना वोरा के 2019 में लिखी गई किताब 'बिहाइंड बार्स इन बायकुला: माई डेज इन प्रिजन' पर आधारित है। प्रसिद्ध पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या और उसके बाद जिग्ना वोरा की गिरफ्तार की सच्ची कहानी को दिखाया है। गैंगस्टर छोटा राजन के गुर्गे दिन दहाड़े जयदेब सेन (प्रोसेनजीत चटर्जी) की हत्या कर देते हैं। सीरीज की कहानी सीनियर क्राइम रिपोर्टर जागृति पाठक (करिश्मा तन्ना) पर केंद्रित है। घटनाक्रम कुछ ऐसे बनते हैं कि वह फंसती चली जाती है और बाद में उसे जेल जाना पड़ता है। आगे की कहानी के लिए आपको वेब सीरीज देखनी पड़ेगी।

पर्दे के पीछे का काम
हंसल मेहता ने हर किरदार को रोचक बनाए रखा है। कहानी में एक पल भी ऐसा नहीं आता जब लगता हो कि यह धीमी पड़ गई है। करण व्यास के डायलॉग सटीक हैं और सीरीज के लय को बरकरार रखते हैं। इसके अलावा दीपू सेबैस्टियन एडमंड का रिसर्च कमाल का है। अमितेश मुखर्जी ने कसी हुई एडिटिंग की है। 

पत्रकारिता के पेशे को बखूबी दिखाया
स्कूप आसानी से अलग कहानी की वजह से आपके जेहन में रह जाती है। जागृति की गिरफ्तारी और फिर एक साल तक भायखला जेल की उसकी जर्नी पर फोकस किया गया है। सीरीज में कोई सर्वाइवल ड्रामा नहीं है। ना ही यह एक ट्रू क्राइम थ्रिलर बनने की कोशिश कर करता है, जो कि इन दिनों कई वेब सीरीज में देखा गया है।

स्कूप पत्रकारों से नफरत नहीं करता और ना ही वह चाहता है कि आप करें। यह पेशे का सम्मान करता है। इसके खतरों को भी दिखाता है। साथ ही क्लिकबेट पत्रकारिता और विवाद से खुश होने वाली स्थिति पर भी सवाल उठाता है।