Teri Meri Doriyaann 25 Sep: साहिबा की कोई निशानी नहीं छोड़ना चाहती सीरत, प्लान सुन भड़का अंगद
टीवी सीरियल 'तेरी मेरी डोरियां' पिछले कुछ दिनों से रुमी का ट्रैक चल रहा है। वह अंगद को सबक सिखाना चाहता है। उसे लगता है अंगद ने साहिबा को बहुत दुख दिया है और उसे ऐसा नहीं करना चाहिए।

तेरी मेरी डोरियां के 25 सितंबर के एपिसोड में दिखाया जाएगा कि रुमी अब बरार हाउस में है। वह नशे की हालत में होने का नाटक करता है तो वीर उसे रात में घर पर ही रुकने के लिए कहता है। सुबह सभी के उठने से पहले वह चुपचाप चले जाना जाता है। उसकी नजर अंगद के कमरे पर पड़ती है। अंगद सो रहा है। रुमी कसम खाता है वह अंगद को साहिबा से दूर कर देगा। टेबल पर पड़े अखबार को वह देखता है जिसमें लिखा है अंगद को आज बिजनेसमैन ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। वह अखबार को मोड़कर फेंक देता है। रुमी उसे सबक सिखाने की ठानता है। वह फिर से अंगद के कमरे में जाता है। देखता है वह सो रहा है तो वह उसे हमेशा सुलाने की कसम खाता है।
जॉब की तलाश में साहिबा
साहिबा कॉलेज के प्रोफेसर के पास जाती है। उसने कॉलेज की फीस तो चुका दी है लेकिन मेस की फीस रह गई है। वह उनसे कुछ दिन की मोहलत मांगती है। साहिबा जॉब ढूंढ रही है। प्रोफेसर कुछ सोचते हैं फिर एक कार्ड पकड़ाते हैं जिसमें लिखा है जॉब के लिए किसी की जरूरत है जो आर्ट का काम संभाल सके। साहिबा को यह सुनकर खुशी होती है। वह भरोसा दिलाती है कि इस काम को वह बहुत अच्छे तरीके से करेगी।
अंगद के लिए सीरत का प्लान
सीरत अखबार में अंगद की न्यूज पढ़ती है। वह घर के स्टाफ से फटाफट नाश्ता तैयार करने के लिए कहती है। सभी लोगों को पता चलता है कि अंगद को बिजनेसमैन ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। अंगद को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और वह ऑफिस जाने वाला है। सीरत उसे समझाती है सभी उसकी वजह से इतने खुश हैं तो थोड़ी देर रुक सकता है। इसके बाद अंगद भी समझ जाता है और वह सभी से अवॉर्ड फंक्शन में आने के लिए कहता है।
सीरत की हरकत से गुस्से में अंगद
सीरत अंगद के कमरे का मेकओवर करना चाहती है जिससे उसकी पुरानी यादें मिट जाएं। जब अंगद को यह पता चलता है तो वह उस पर गुस्सा होता है। उसकी बिना इजाजत के उसने यह फैसला कैसे ले लिया है। सीरत कमरे को ब्राइट कलर करना चाहती है। वह बताएगी कि मनवीर से पूछा था और उन्हें भी यह आइडिया अच्छा लगा। जबज्योत को यह पसंद नहीं आता। वह कहेगी साहिबा भले ही चली गई है लेकिन वह है तो इस घर की बहू ही ना। यह करना सही नहीं है। इस कमरे को बदल देने से भी साहिबा की यादें उसके मन से नहीं जाएगी।
