'अनुपमा' के वनराज का फूटा फिल्म इंडस्ट्री पर गुस्सा, बोले- मुझे भी कई बड़े ऑफर मिले थे लेकिन...
Sudhanshu Pandey: 'अनुपमा' में वनराज का किरदार निभाने वाले सुधांशु पांडे ने इंटरव्यू के दौरान अपने स्ट्रगल की कहानी बताई। इतना ही नहीं, उन्होंने ग्लोबल स्टार प्रियंका चोपड़ा की तारीफ भी की।
टीवी सीरियल 'अनुपमा' में वनराज शाह का किरदार निभाने वाले एक्टर सुधांशु पांडे ने 22 साल तक स्ट्रगलर की जिंदगी जी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1998 में आए टीवी सीरियल 'कन्यादान' से करने के बाद 'खिलाड़ी 420', 'सिंह इज किंग', 'सिंघम', 'रोबोट 2.0' और 'द मिथ अमोंगस्ट अदर्स' जैसी कई फिल्मों में काम किया। लेकिन, फेम 22 साल बाद टीवी धारावाहिक 'अनुपमा' से मिला। हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि 'अनुपमा' से पहले उन्हें कई बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स ऑफर हुए थे। लीड रोल भी मिल रहा था। लेकिन, फिल्म इंडस्ट्री के कुछ खराब लोगों की वजह से उन्होंने इन ऑफर्स को लात मार दी।
सुधांशु पांडे का खुलासा
ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में खुद सुधांशु पांडे ने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि कैसे फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोगों की वजह से वह लीड एक्टर बनते-बनते रह गए। उन्होंने कहा, "मेरे पास बहुत बड़े-बड़े ऑफर आए थे। मुझे लीड एक्टर के तौर पर कास्ट भी किया जा रहा था लेकिन, इस काम के लिए मेरे सामने ऐसी-ऐसी शर्तें रखी जा रही थीं जिन्हें मैं कभी मान नहीं सकता था। इसलिए मजबूरन मुझे इन ऑफर्स को मना करना पड़ा।"
बताई इंडस्ट्री की सच्चाई
इतना ही नहीं, सुधांशु ने ये भी कहा कि "आउटसाइडर के लिए इंडस्ट्री में जगह बनाना बहुत मुश्किल है। आज के समय में भी इंडस्ट्री में कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने खुदका का कैम्प बना लिया है। वे बहुत शक्तिशाली लोग हैं। वे ही इंडस्ट्री चलाते हैं। ऐसे में जब तक वे नहीं चाहेंगे तब तक आप इस इंडस्ट्री में अपनी जगह नहीं बना पाएंगे। यही इस इंडस्ट्री का सच है।"
प्रियंका चोपड़ा के बारे में कही ये बात
बता दें, बॉलीवुड स्टार प्रियंका चोपड़ा स्कूल में सुधांशु पांडे की जूनियर रह चुकी हैं। यही कारण है कि इंटरव्यू के दौरान सुधांशु से प्रियंका द्वारा किए गए खुलासों के बारे में पूछा गया। सुधांशु पांडे ने कहा, 'सबसे पहले मैं ये कहना चाहता हूं कि प्रियंका चोपड़ा ने हाल ही में जो कुछ भी कहा, उसे कहने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत पड़ती है। वह सेल्फ मेड एक्टर हैं। उन्होंने खुदके दम पर यह मुकाम हासिल किया है। सोचिए न, वह न अमेरिका में पैदा हुई थीं और न ही अमेरिका में पली-बढ़ी थीं। इसके बावजूद, उन्होंने वहां अपनी एक अलग जगह बनाई। उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बारे में जो कुछ भी कहा, वह सब बिल्कुल सही है।"