Anupamaa 21 Nov: कपाड़िया हाउस आते ही परेशान हुए बा-बापूजी, हाथ में चाकू लेकर खड़ी हुई डिंपी
Anupamaa 21 Nov Written Update: अनुज, अनुपमा की खातिर बा-बापूजी का कपाड़िया हाउस लेकर आएगा। हालांकि, वे दोनों यहां आते ही परेशान हो जाएंगे। बा रोने जैसा मुंह बनाने लगेंगी। पढ़िए रिटन अपडेट।

बा-बापूजी की वजह से अनुपमा परेशान रहेगी। उसे समझ नहीं आएगा कि वह छोटी अनु और बा-बापूजी को कैसे संभाले। उसके दिमाग में बा-बापूजी की तस्वीरें चलती रहेंगी। तभी अनुज आएगा। वह अनुज को देखकर भावुक हो जाएगी और जाकर गले लगा लेगी। अनुज को समझ नहीं आएगा। वह अनुपमा से पूछेगा, 'क्या हुआ?' अनुपमा कहेगी, 'कुछ नहीं हुआ है और कुछ नहीं होगा।' इसके बाद अनुपमा, अनुज को सारी बातें बताएगी।
बा-बापूजी से मिलने जाएगा अनुज
सुबह होते ही अनुपमा, बा को फोन करेगी। वह उनका हाल-चाल लेगी और अनुज के लिए नाश्ता बनाएगी। तभी अनुज आएगा। अनुज कहेगा, 'ऑफिस जाने से पहले मैं बा-बापूजी से मिल लूंगा। उनका हाल-चाल ले लूंगा।' अनुपमा इमोशनल हो जाएगी। वह अनुज से कहेगी, 'बस हम ऐसे ही पूरी जिंदगी हाथ पकड़कर साथ रहें'। बरखा और मालती देवी दूर से अनुज-अनुपमा पर नजर रखेंगे। बरखा, मालती देवी के कान भरेगी। वह कहेगी, 'पूरा शाह हाउस अनुपमा ही चला रही है। पता नहीं यहां से क्या-क्या उठाकर वहां भेज रही होगी।'
अंकुश और अनुपमा
अनुज के जाते ही अनुपमा, अंकुश के साथ बैठकर ऑफिस के काम निपटाएगी। बरखा को अनुपमा की ये बात बिल्कुल पसंद नहीं आएगी। वह मालती देवी से कहेगी, 'देखा! ये अनुपमा मेरे पति पर कैसे हुकुम चलाती है। एक-एक पैसे का हिसाब मांगती है...जैसे अंकुश इसके पैसे लेकर भाग जाएगा।' इस पर मालती देवी कहेंगी, 'वैसे तुम लोग आए तो इसी इरादे से थे न।' इससे पहले की बरखा कुछ कहे अनुज आ जाएगा।
भड़केंगी मालती देवी
अनुज को देखकर हर कोई हैरान रह जाएगा। अनुज, अनुपमा से कहेगा, 'मैं जानता हूं कि तुम्हारी जान बा और बापूजी में बसती है और मैं ये भी जानता हूं कि मेरी छोटी की जान तुम में बसती है। तुम्हे छोटी का भी ख्याल है और बा-बापूजी की भी देखभाल करनी है। इतना करोगी तो तबीयत खराब हो जाएगी तुम्हारी। इसलिए मैंने एक निर्णय लिया है।' इतना कहते ही बा-बापूजी आ जाएंगे। अनुपमा उन्हें देख खुश हो जाएगी। हालांकि, मालती देवी भड़क जाएंगी। हालांकि, अनुज की खातिर वह कुछ नहीं कहेंगी।
परेशान होंगी बा
बा-बापूजी के आने की वजह से अनुपमा खुश हो जाएगी। लेकिन, बा-बापूजी को कपाड़िया हाउस पसंद नहीं आएगा। बा, बापूजी से कहेगी, 'मालती देवी को हमारा यहां आना जरा भी अच्छा नहीं लगा।' इस पर बापूजी कहेंगे, 'हम यहां नहीं आए हैं। अनुज यहां हमें जबरदस्ती लाया है और तू शांत रहना चाहे कुछ भी हो।' बा कहेंगी, 'मैं तो शांत रह लूंगी लेकिन, वो मालती देवी शांत रहेगी?' इधर बा-बापूजी परेशान रहेंगे। उधर काव्या और डिंपी आराम करेंगे। दोनों साथ बैठकर मूंगफलियां खाएंगे। मूंगफलियां खाने के बाद काव्या अपने कमरे में चली जाएगी। वहीं डिंपी दरवाजा बंद करने बाहर जाएगी। बाहर कुछ लड़के डिंपी को छेडेंगे। डिंपी डर जाएगी। वह जल्दी से दरवाजा बंद कर करेगी और अंदर आकर चांकू उठा लेगी।
