
मैंने अपने मरे पिता से बात की… नौशीन अली सरदार ने बताया डैड के निधन के बाद कैसे हुआ उनसे कॉन्टैक्ट
संक्षेप: नौशीन अली सरदार टीवी की पॉप्युलर एक्ट्रेस रही हैं। उन्होंने फिल्मों और वेब सीरीज में भी लक ट्राई किया लेकिन उतनी सफलता नहीं मिली। अब उन्होंने जिंदगी के कठिन फेज पर बात की है।
अगर आप 2000 के दशक में टीवी देखते रहे हैं तो नौशीन अली सरदार को जरूर पसंद करते होंगे। वह कुसुम सीरियल की लीड एक्ट्रेस थीं। इससे पहले वह अल्ताफ रजा के गाने पहले तो कभी-कभी गम था में नजर आई थीं। इस बीच उन्होंने कुछ छोटी-मोटी फिल्मों। वेब सीरीज में भी काम किया। उनका लुक अब पहले से काफी बदल चुका है। बीच में उनकी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव भी रहे। एक इंटरव्यू में नौशीन ने अपनी लाइफ की झकझोरने वाली घटना बताई। उन्होंने बताया कि पिता के निधन का सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर पा रही थीं, फिर कुछ ऐसा हुआ जिससे उनके सोचने का नजरिया बदल गया।

पिता को खोना सबसे कठिन समय था
नौशीन सिद्धार्थ कन्नन के शो पर थीं। उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही स्पिरिचुअल थीं। उनके 5 भाई-बहन थे लेकिन वह ही मां से स्पिरिचुऐलिटी पर सवाल करती थीं। नौशीन बोलीं, एक ऐसा वक्त आया जब मुझे अपने सारे सवालों का जवाब मिल गया। सार यही है कि ईश्वर एक है। नौशीन से पूछा गया कि कौन सा फेज था जब उन्हें जवाब मिला। नौशीन ने बताया, 'ऐसा तब हुआ जब मैंने अपने पिता को खोया। यह मेरी जिंदगी का बहुत कठिन समय था। मैं बता भी नहीं सकती ये अचानक लगा झटका था। मैंने कभी मौत नहीं देखी थी। दादी वगैरह गुजरे तब मैं छोटी थी और ये सब बताया भी नहीं गया था। मैं अपने पिता से बहुत अटैच्ड थी। मैं गहरे डिप्रेशन में चली गई।'
2 महीने में कम हुआ 20 किलो वजन
नौशीन आगे बताती हैं, 'मैं इतनी बीमार हो गई थी कि 2 महीने में 20 किलो वजन कम हो गया था। मुझे याद है कि लोगों ने मेरी फोटोज क्लिक कीं और तरह-तरह की बाते करने लगे कि सर्जरी करवा ली, अजीब लगने लगी। मैं किसी को नहीं बता पा रही थी कि मेरे अंदर क्या चल रहा है वर्ना लोग इसका कुछ और बना देंगे। दो चीजों ने मुझे बहुत शांति दी। पहला था विपास्सना दूसरा ऑटोमैटिक राइटिंग।' नौशीन ने बताया कि ऑटोमैटिक राइटिंग में कोई मीडियम होता है जिसके जरिये गुजरे हुए इंसान से बात की जाती है। वह बोलीं, 'मैंने अपने पिता के निधन के बाद उनसे बात की। इससे मुझे बहुत शांति मिली।'
नौशीन ने बताया कैसे हुई बात
नौशीन ने बताया कि राइटिंग करने वाले ने कुछ ऐसी बातें बताईं जो सिर्फ उनके पिता ही जानते थे और वही बोल सकते थे। नौशीन ने बताया, 'जब डैड गुजर गए थे तो मुझे उनको बाय बोलने का टाइम नहीं मिला। वह अचानक बीमार होकर चले गए। मैं इस बात पर रोज रोती थी। मैं एक साल तक रोती रही। जब मैं ऑटोराइटिंग सेशन के लिए गई तो डैड बोले, माई बेबो, माई प्रिंसेज तुम हर दिन रो रही हो। जब मैं तुम्हें रोते हुए देखता हूं, जब तुम मेरे बारे में सोचती हो तो मेरी आत्मा अपनी जर्नी पर नहीं जा पाती।' नौशीन बोलीं कि उन्हें तब समझ आया कि वह अपने स्वार्थ की वजह से पिता को आगे नहीं बढ़ने जा रही। नौशीन को अहसास हुआ कि जब उनका वक्त पूरा हो जाएगा तो वह फिर उनसे मिल जाएंगी। इसके बाद उनकी सेहत सही हो गई और वह नॉर्मल हो गईं।

लेखक के बारे में
Kajal Sharmaलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




