राजेश खन्ना की इस आदत से परेशान हो शर्मिला टैगोर ने छोड़ा था उनके साथ काम करना
हिंदी सिनेमा में राजेश खन्ना का नाम पहले सुपरस्टार के तौर पर लिया जाता है। अपने दौर में एक के बाद एक तमाम रोमांटिक फिल्में देने वाले राजेश खन्ना एक वक्त में बेहद चर्चित थे और तमाम लड़कियां उनकी...
हिंदी सिनेमा में राजेश खन्ना का नाम पहले सुपरस्टार के तौर पर लिया जाता है। अपने दौर में एक के बाद एक तमाम रोमांटिक फिल्में देने वाले राजेश खन्ना एक वक्त में बेहद चर्चित थे और तमाम लड़कियां उनकी दीवानी थीं। वह लोकप्रियता के चरम पर थे और कहा जाता है कि फिर किसी एक्टर के लिए ऐसी दीवानगी देखने को नहीं मिलेगी। हालांकि राजेश खन्ना का काम करने का अपना ही अंदाज था। राजेश खन्ना के साथ अमर प्रेम, आराधना जैसी हिट फिल्में करने वालीं शर्मिला टैगोर कहती हैं कि उनके व्यक्तित्व में कई विरोधाभास थे। 'Dark Star: The Loneliness of Being Rajesh Khanna' पुस्तक के लिए लिखी प्रस्तावना में शर्मिला टैगोर कहती हैं कि राजेश खन्ना को अकसर शूटिंग पर देरी से आने की आदत थी।
यहां तक कि जब 9 बजे का समय तय होता था तो वह दोपहर 12 बजे तक पहुंचा करते थे। शर्मिला टैगोर लिखती हैं, 'उनकी देरी से आने की आदत ने मुझे काफी प्रभावित किया था। मैं 8 बजे सुबह ही स्टूडियो पहुंच जाती थी और मेरी इच्छा होती थी कि शाम को 8 बजे तक घर लौट आऊं। लेकिन ऐसा कभी संभव नहीं हो पाता था क्योंकि काका अकसर देरी से आते थे और 12 बजे तक पहुंचते थे। इसलिए कभी समय पर शूटिंग पूरी नहीं हो पाती थी। ऐसे में पूरी यूनिट मेरे ऊपर ओवरटाइम करने और शेड्यूल पूरा करने का दबाव डालती थी। यह एक तरह का नियम बन गया था। मैंने काका के साथ कई फिल्में कीं और यह समस्या बनी ही रही।'
शर्मिला टैगोर कहती हैं कि इस आदत के चलते वह अतनी परेशान हो गई थीं कि उन्होंने दूसरे एक्टर्स के साथ ज्यादा काम करना पसंद किया, जबकि राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी काफी हिट चल रही थी। वह कहती हैं कि राजेश खन्ना को भी किसी एक एक्ट्रेस के साथ ज्यादा फिल्में करना पसंद नहीं था। इसकी वजह यह थी कि उन्हें लगता था कि यदि एक ही जोड़ी स्क्रीन पर दिखी तो लोगों का उत्साह कम हो जाएगा। शर्मिला टैगोर कहती हैं कि राजेश खन्ना का यह सोचना एक बड़ी राहत मिलने जैसा था।
अकसर लोगों के साथ राजेश खन्ना के रिश्ते बिगड़ने को लेकर शर्मिला टैगोर कहती हैं कि इसकी वजह भी उनका व्यक्तित्व ही था। दरअसल राजेश खन्ना अपने दोस्तों और कलीग्स को लेकर बड़े उदार थे। कई बार तो वह काफी महंगे गिफ्ट्स दे दिया करते थे। यहां तक कि वह लोगों के लिए घर भी खरीद देते थे, लेकिन फिर उसके बदले में उनकी काफी अपेक्षाएं होती थीं। ये अपेक्षाएं जब पूरी नहीं होती थीं तो फिर संबंध खराब हो जाते थे।
शर्मिला टैगोर के मुताबिक एक वक्त में स्टारडम को जीने वाले राजेश खन्ना के करियर में तेजी से ढलान आने की एक वजह भी यही थी कि उन्होंने कभी खुद को बदलने की कोशिश नहीं की। शर्मिला टैगोर कहती हैं, 'वह जिन फिल्मों के जरिए स्टारडम को जी रहे थे, उसी तरह से काम करते रहे। उन्होंने यह नहीं देखा कि अब दौर बदल गया है और दर्शकों की मांग में बदलाव आ गया है। वह जिन रोल्स को प्ले कर रहे हैं, उनकी प्रासंगिकता खत्म होती जा रही है। यहां तक कि वह अपने सफल दौर के कैरिकेचर ही बनकर रहे।'