जब दिलीप कुमार ने कारगिल के बाद नवाज शरीफ से फोन पर कहा, 'आपसे यह उम्मीद नहीं थी'
बॉलीवुड के गुजरे जमाने के सुपरस्टार रहे राजकपूर और दिलीप कुमार के पैतृक घरों को खरीदने के लिए पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा राज्य की सरकार ने रकम को मंजूरी दे दी है। सरकार ने दोनों बॉलीवुड स्टार्स के...
बॉलीवुड के गुजरे जमाने के सुपरस्टार रहे राजकपूर और दिलीप कुमार के पैतृक घरों को खरीदने के लिए पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा राज्य की सरकार ने रकम को मंजूरी दे दी है। सरकार ने दोनों बॉलीवुड स्टार्स के घर को म्यूजियम बनाने के लिए खरीदने का फैसला लिया है। दोनों के घरों को उनके नाम से ही म्यूजियम के तौर विकसित किया जाएगा और इनके बारे में बता जाएगा। दोनों सितारों का जन्म भारत विभाजन से पहले पेशावर में हुआ था, लेकिन बाद में दोनों पाकिस्तान से मुंबई आ गए थे। पाकिस्तान में दिलीप कुमार की लोकप्रियता हमेशा से रही है।
हाल ही में अपना जन्मदिन 98वां जन्मदिन मनाने वाले दिलीप कुमार की पाकिस्तान में लोकप्रियता का अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि वह दोनों देशों के बीच कई बार 'संवाद सेतु' का काम कर चुके हैं। यही नहीं देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने भी एक बार उनसे आग्रह किया था कि वह पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ से बात करें। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने अपनी पुस्तक 'Neither a Hawk Nor a Dove' में यह खुलासा किया था।
कसूरी के मुताबिक कारगिल युद्ध के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने दिलीप कुमार से आग्रह किया था कि वह नवाज शरीफ से बात करें। कसूरी ने नवाज शरीफ के मुख्य सचिव रहे सईद मेहदी के हवाले से लिखा था, 'एक दिन जब सईद पीएम नवाज शरीफ के पास बैठे थे तो फोन बजा और एडीसी ने सूचना दी कि भारत के पीएम अटल बिहारी वाजेयपी आपसे तुरंत बात करना चाहते हैं।'
कसूरी ने अपनी किताब में दावा किया था कि बातचीत खत्म होने से पहले वाजपेयी ने कहा था कि मैं अपने बगल में बैठे एक व्यक्ति से आपकी बात कराना चाहता हूं। दिलीप कुमार की आवाज सुनकर नवाज शरीफ आश्चर्यचकित रह गए थे। दिलीप कुमार ने नवाज शरीफ से कहा था, 'मियां साहिब, हमें आपसे यह उम्मीद नहीं थी क्योंकि आप हमेशा खुद को भारत और पाकिस्तान के बीच शांति का सबसे बड़ा समर्थक बताते थे।'
कसूरी ने अपनी पुस्तक में लिखा था, 'दिलीप कुमार ने नवाज शरीफ से कहा कि मैं आपको बता दूं कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच भारतीय मुस्लिमों के लिए मुश्किल होती है। उनके लिए घर से बाहर निकलना भी मुश्किल होता है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ करिए।'