फतवे जारी कर दो... कश्मीर फाइल्स पर बोलने वाले इजरायली फिल्ममेकर पर खूब बरसे विवेक अग्निहोत्री
IFFI-The Kashmir Files Controversy: द कश्मीर फाइल्स-इफ्फी कॉन्ट्रोवर्सी पर अब विवेक अग्निहोत्री ने वीडियो शेयर किया है। उनका कहना है कि उन्हें गलत साबित कर दिया तो फिल्में बनाना छोड़ देंगे।

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IFFI में द कश्मीर फाइल्स पर इजराइली फिल्ममेकर नादव लैपिड के बयान के बाद बवाल मचा हुआ है। इस विवाद पर अब मूवी डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने चुप्पी तोड़ी है। विवेक ने वीडियो शेयर करके अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने नादव लैपिड जो कि इफ्फी ज्यूरी के चेयरमैन भी हैं, उनके बयान को निशाने पर लिया है। साथ ही उन्हें सपोर्ट करने वाले भारतीय लोगों पर भी सवाल उठाया है। विवेक अग्निहोत्री ने चैलेंज किया है कि अगर कोई यह साबित कर देगा कि उन्होंने फिल्म में जो भी दिखाया वो सच नहीं था तो वह फिल्में बनाना छोड़ देंगे। बता दें कि सोमवार को इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल इंडिया की क्लोजिंग सेरिमनी पर को नादव ने फिल्म द कश्मीर फाइल को वल्गर और प्रोपागैंडा बताया था। तबसे इस मामले पर एक्टर्स, पॉलिटीशियंस और डिप्लोमैट्स की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
भारत सरकार के मंच पर सपोर्ट किया गया...
विवेक ने वीडियो को कैप्शन दिया है, आंतक को सपोर्ट करने वाले और नरसंहार से इनकार करने वाले मुझे कभी शांत नहीं कर सकते हैं। जय हिंद। वीडियो में विवेक कहते हैं, दोस्तो इफ्फी गोवा में, ज्यूरी के चेयरमैन ने बोला कि द कश्मीर फाइल्स एक वल्गर और प्रोपागैंडा फिल्म है। मेरे लिए यह कोई नई बात नहीं है। इस तरह की बातें तो सारे टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशंस, अर्बन नक्सल्स और भारत के टुकड़े-टुकड़े करने वाले लोग करते ही रहते हैं। लेकिन मेरे लिए बहुत आश्चर्यजनक बात है कि भारत सरकार द्वारा आयोजित, भारत सरकार के मंच पर कश्मीर को भारत से अलग करने वाले टेररिस्ट लोगों के नैरिटव को सपोर्ट किया गया। और उस बात को लेकर भारत में ही रहने वाले कई लोगों ने भारत के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया। बढ़ता जा रहा है द कश्मीर फाइल्स विवाद, इजराइली फिल्ममेकर के खिलाफ शिकायत दर्ज
यासीन मलिक ने कुबूले जुर्म
आखिर वे लोग कौन हैं? ये वही लोग हैं, जो कश्मीर फाइल्स के लिए जब रिसर्च चालू किया गया था तबसे इसको प्रोपागैंडा बोल रहे हैं। 700 लोगों के पर्सनल इंटरव्यू के बाद यह फिल्म बनी है। क्या वो 700 लोगों जिनके मां-बाप, भाई-बहनों को सरेआम मार दिया गया, गैंगरेप किया गया, दो टुकड़ों में बांट दिया गया क्या वो सब लोग प्रोपागैंडा और अश्लील बातें कर रहे हैं। जो पूरी तरह से हिंदू लैंड हुआ करता था वहां हिंदू नहीं रह रहे हैं। उस लैंड में आज भी आपकी आंखों के सामने हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा जाता है, क्या यह प्रोपागैंडा और अश्लील बात है? यासीन मलिक अपने टेरर के जुर्मों को कुबूल करके आज वह जेल में सड़ रहा है, क्या वो प्रोपागैंडा और अश्लील बात है? दोस्तों द कश्मीर फाइल्स को लेकर हमेशा यह सवाल उठता है कि यह एक प्रोपागैंडा फिल्म है।
विवेक अग्निहोत्री ने दिया चैलेंज
मतलब वहां कभी जनसंहार हुआ ही नहीं। आज मैं विश्व के सारे बुद्धिजीवियों, अर्बन नक्सल्स और जो महान फिल्ममेकर इजराइल से आए हैं उनको चैलेंज करता हूं कि कश्मीर फाइल्स का एक शॉट, डायलॉग और इवेंट कोई साबित कर दे कि यह सत्य नहीं तो मैं फिल्में बनाना छोड़ दूंगा। दोस्तों ये लोग हैं कौन जो हमेशा भारत के खिलाफ खड़े होते हैं। ये वो हैं जिन्होंने मोपला का सत्य किसी के सामने नहीं आने दिया। कश्मीर का सत्य सामने नहीं आने दिया। ये वही लोग हैं जो कोविड में जलती लाशें बेच रहे थे। विवेक बोले, जितने फतवे जारी करने हैं, कीजिए, लेकिन मैं लड़ता रहूंगा।