#MeToo: विकास बहल सेक्शुअल हैरेसमेंट केस में पीड़िता का अदालत में आने से इंकार
'क्वीन' फिल्म के डायरेक्टर विकास बहल पर लगे सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने विकास बहल, पीड़िता, अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी को समन भेजकर 19...
'क्वीन' फिल्म के डायरेक्टर विकास बहल पर लगे सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने विकास बहल, पीड़िता, अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी को समन भेजकर 19 अक्टूबर को कोर्ट में मौजूद रहने के आदेश दिए थे। लेकिन पीड़िता कोर्ट में पेश नहीं हुई। पीड़िता के वकील नवरोज सीरवई ने इस दौरान कोर्ट में कहा कि वह न विकास के खिलाफ केस करना चाहती है और न ही किसी तरह की कानूनी कार्रवाई चाहती है।
विकास बहल यौन शोषण मामला: अनुराग कश्यप ने ट्विटर पर मांगी माफी
पहले ही बहुत कुछ सह चुकी हूं...
वकील ने पीड़िता की और से कहा कि वह पहले ही बहुत कुछ सह चुकी है और तीन साल बाद भी विकास बहल की वजह से परेशान है। बता दें कि
शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में हाल में विकास बहल द्वारा अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी के खिलाफ किए गए 10 करोड़ रुपए के मानहानि केस पर सुनवाई चल रही थी।
#MeToo का मिसयूज न करें- बॉम्बे कोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा-#Metoo सेक्शुअल हैरेसमेंट झेल चुकीं महिलाओं के लिए है कि वो आगे आएं और अपनी बात रखें। इसका
गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। चीफ जस्टिस एस. जे. काठावला ने कहा-अगर कोई महिला केस दर्ज नहीं कराना चाहती तो किसी और को इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। किसी को उसका फायदा नहीं उठाना चाहिए। किसी को भी उसके कंधे पर बंदूक रखकर गोली नहीं चलानी चाहिए। यह मूवमेंट उनके लिए नहीं है, सिर्फ विक्टिम्स के लिए है कि वे आगे आएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए एक गाइडलाइन होनी चाहिए। नहीं तो इसका दुरुपयोग होता रहेगा और पता नहीं कहां इसका अंत होगा। कोर्ट ने तीनों पार्टीज (विकास, अनुराग और विक्रमादित्य) को कहा है कि वे इस मामले को कोर्ट के बाहर ही निपटा लें।