Hindi Newsएंटरटेनमेंट न्यूज़Sushant Singh Rajput Death: SSR Sisters: Petition Seeking To Quash FIR: Against Them Adjourned Till October 13:

सुशांत सिंह राजपूतः दिवंगत एक्टर की बहनें FIR रद्द कराने पहुंचीं बॉम्बे HC, याचिका पर होगी 13 अक्टूबर को सुनवाई

दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की बहनों, प्रियंका सिंह और मीतू सिंह ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि मुंबई पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया जाए। न्यायमूर्ति एस...

Khushboo Vishnoi vishnoi कंचन चौधरी, एचटी, मुंबईTue, 6 Oct 2020 06:46 PM
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दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की बहनों, प्रियंका सिंह और मीतू सिंह ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि मुंबई पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया जाए। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने मंगलवार को याचिका पर गौर किया और फिर इसे 13 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। दरअसल, रिया चक्रवर्ती ने एसएसआर की दोनों बहनों के खिलाफ बांद्रा पुलिस स्टेशन में 7 सितंबर, 2020 को FIR दर्ज कराई थी। 
रिया चक्रवर्ती ने एफआईआर में प्रियंका और डॉ तरुण कुमार, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली पर आरोप लगाया था कि वह सुशांत को गलत दवाइयां दे रहे थे, जिनपर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के अंतर्गत रोक लगी हुई है।

रिया का यह भी कहना था कि सुशांत को बैन हुई दवा- क्लोनाजेपम दी जा रही थी, जो शरीर में घबराहट पैदा करती है, जिसकी वजह से भी राजपूत ने आत्महत्या की। रिया ने प्रियंका और परिवार के बाकी के सदस्यों पर इल्जाम लगाते हुए उन्हें राजपूत की मौत का जिम्मेदार बताया।

वकील माधव थोराट द्वारा दायर याचिका में राजपूत की बहनों ने दावा किया है कि वह दवाई बैन नहीं है और सभी चीजें मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन्स के अंतर्गत दी गई थीं। कोर्ट के अनुसार रिया चक्रवर्ती द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत उनकी ओर से एक कमजोर प्रयास है। वह केवल जांच को दोषी ठहराने और राजपूत के परिवार को सुसाइड का जिम्मेदार बनाने की कोशिश कर रही हैं, क्योंकि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने उन्हें गिरफ्तार किया है। 

इसके अलावा कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के लिए विशेष रूप से किसी भी आपराधिकता को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, जब शिकायत केवल डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं पर आधारित हो। अपने इस बयान को सपोर्ट करते हुए अदालत ने जेकब मैथ्यू केस का हवाला दिया। 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चिकित्सा क्षेत्र में विशेषज्ञों की राय प्राप्त किए बिना किसी चिकित्सा व्यवसायी के खिलाफ किसी भी अपराध की जांच नहीं की जा सकती है।

याचिका में यह भी बताया गया कि पुलिस शिकायत दर्ज करने में 90 दिनों की देरी हुई। दवाएं 8 जून को लिखी गई थीं, जिस दिन सुशांत ने रिया को अपना सामान पैक कर घर छोड़कर जाने के लिए कहा था और कंप्लेंट 7 सितंबर, 2020 को फाइल कराई गई।  

एफआईआर दर्ज होने के एक दिन बाद एनसीबी ने राजपूत की मौत के बाद सामने आए ड्रग ट्रेल के संबंध में लगातार तीन दिनों तक पूछताछ करने के बाद रिया को गिरफ्तार कर लिया था।

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