बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से ही फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) को लेकर बहस छिड़ गई है। इस बीच एक्ट्रेस कंगना रनौत ने नेपोटिज्म को लेकर कई सेलेब्स पर जमकर निशाना साधा है और उन पर मूवी माफिया चलाने के आरोप लगाया है। अब दिग्गज एक्ट्रेस सिमी ग्रेवाल ने कंगना रनौत को बहादुर बताते हुए उनकी तारीफ की है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एक शक्तिशाली व्यक्ति ने उनका करियर खत्म करने की कोशिश की थी, लेकिन वह चुप रहीं।
सिमी ग्रेवाल ने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा, ''मैं कंगना रनौत की सराहना करती हूं, जो मुझसे कहीं ज्यादा साहसी हैं। हालांकि, सिर्फ मैं ही जानती हूं कि कैसे एक 'शक्तिशाली' व्यक्ति ने मेरे करियर को नष्ट करने की कोशिश की थी। मैं चुप रही,क्योंकि मैं इतनी बहादुर नहीं हूं, जितनी कंगना हैं।''
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I applaud #KanganaRanaut who is braver & bolder than I am. 👏👏Only I know how a 'powerful' person has viciously tried to destroy my career. I stayed silent. Because I am not so brave... 😥@KanganaOffical
— Simi Garewal (@Simi_Garewal) July 18, 2020
इसके अलावा सिमी ग्रेवाल ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कंगना के उस इंटरव्यू का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पद्मश्री लौटाने की बात की थी। सिमी ने लिखा, ''मुझे नहीं पता कि कंगना का इंटरव्यू देखकर आपको कैसा महसूस हुआ, लेकिन इससे मैं काफी निराश हुई हूं। मैं यह जानकर परेशान हूं कि सुशांत सिंह राजपूत ने क्या-क्या सहा होगा और बहुत से 'आउडसाइडर्स' बॉलीवुड में झेलते हैं। इसमें अब बदलाव की जरूरत है।''
I don't know what all of you felt after watching #KanganaSpeaksToArnab ..but it has left me quite depressed..
— Simi Garewal (@Simi_Garewal) July 18, 2020
I'm distraught at what #SushantSingRajput endured .. and also what many 'outsiders' go through in Bollywood.. it must change!
गौरतलब है कि हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कंगना रनौत ने कहा था, 'मुंबई पुलिस ने मुझे बयान देने के लिए बुलाया। मैंने उनको बताया कि अभी मैं मनाली में हूं और क्या मेरा बयान लेने के लिए आप किसी को मेरे यहां भेज सकते हैं, लेकिन उनका अभी तक मुझे कोई जवाब नहीं मिला। कंगना ने आगे कहा कि मैं बता रही हूं कि अगर मैंने कुछ ऐसा कह दिया हो, जिसकी मैं गवाही नहीं दे सकती, जिसे मैं साबित नहीं कर सकती तो मैं अपना पद्मश्री लौटा दूंगी। ऐसे में फिर मैं इस सम्मान के लायक नहीं हूं।