शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया- एक बार शशि कपूर बेल्ट लेकर मुझे मारने के लिए पीछे भागे थे, दिलचस्प है किस्सा
क्या आप जानते हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा जब बॉलीवुड इंडस्ट्री में काफी एक्टिव थे, उस समय वह सेट पर काफी देरी से जाते थे? शत्रुघ्न सिन्हा 3-4 घंटे तक लेट हो जाते थे और उनके को-स्टार्स इंतजार करते रहते थे।...
क्या आप जानते हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा जब बॉलीवुड इंडस्ट्री में काफी एक्टिव थे, उस समय वह सेट पर काफी देरी से जाते थे? शत्रुघ्न सिन्हा 3-4 घंटे तक लेट हो जाते थे और उनके को-स्टार्स इंतजार करते रहते थे। एक बार ऐसा हुआ था जब शत्रुघ्न सिन्हा सेट पर काफी लेट पहुंचे थे तो शशि कपूर बेल्ट लेकर उनके पीछे मारने को दौड़े थे।
ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में शत्रुघ्न सिन्हा ने इस वाक्य के बारे में बात करते हुए कहा, “एक बार, शशि मेरे पीछे बेल्ट लेकर मारने को दौड़े थे, क्योंकि मैं सेट पर काफी देरी से पहुंचा था। मैंने उन्हें कहा कि फिल्म मेकर्स ने मुझे कास्ट इसलिए किया है, क्योंकि मैं समय का पाबंद हूं और टैलेंटेड हूं। उन्होंने मुझसे कहा देखो, इसे यह कहते हुए शर्म तक नहीं आ रही है। यह सभी बातें अच्छे ह्यूमर में हो रही थीं। शशि और मेरे बीच काफी अच्छी कैमाराड्री थी।”
शत्रुघ्न आगे कहते हैं कि एक बार मैं अमिताभ बच्चन के साथ शूटिंग कर रहा था और सेट पर पहुंचने का समय सुबह साढ़े चार बजे का था। मैं एकदम उसी समय वहां पहुंच गया था। फिल्म थी, अंतरजली जत्रा, जिसकी शूटिंग कोलकाता में हो रही थी। मैं समय पर पहुंच गया था और शूटिंग भी समय से खत्म कर दी थी।
शत्रुघ्न सिन्हा कहते हैं कि हां मैं लेट लतीफ था, लेकिन मैं जानबूझकर देरी से नहीं जाता था। मैं बस यह सुनिश्चित करता था कि मैं सेट पर जाने से पहले योग कर लूं, जिसमें देर लगती थी और जिसकी वजह से मैं सेट पर लेट हो जाता था। कई बार तो मैं 12 या साढ़े 12 बजे तक सेट पर पहुंचता था, जिसमें मुझे सुबह 9 बजे पहुंचना होता था। मेरी मैमोरी काफी शार्प थी और अब भी है। मैं अपनी लाइन्स एक बार पढ़ता था और एक ही बार के टेक में शॉट दे देता था। ऐसे में हम लोग समय से पहले चीजें खत्म कर लेते थे। मैं अपने समय का वन-टेक आर्टिस्ट हुआ करता था। कभी-कभी जब एक और टेक की जरूरत होती थी तो मैं शॉट तो दूसरा देता था, लेकिन अपनी मर्जी से कुछ सीन में बदलाव कर लिया करता था, जिससे फिल्ममेकर को जो शॉट पसंद आए, वह ले ले। किसी प्रोड्यूसर ने मुझे फिल्म के देर होने की शिकायत नहीं की। मैंने 10-11 फिल्में मनमोहन देसाई के साथ कीं और 13 फिल्में हर्मेश मल्होत्रा संग। क्यों ये प्रोड्यूसर्स मुझे दोबारा कास्ट करते अगर मैं खराब होता? क्या आप जानते हैं कि मुझे शोले, दीवार, अचानक और सत्ते पे सत्ता ऑफर हुई थी?