सरगुन मेहता के लिए आसान नहीं था लॉकडाउन, कहा- मूड स्विंग्स की वजह से छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करने लगी थी
अभिनेत्री सरगुन मेहता के लिए लॉकडाउन की शुरुआत काफी परेशान करने वाली थी, न किसी से बाहर मिलने जाना, न ही कोई शूटिंग, यह सब उन्हें काफी मुश्किल लगा। कई अन्य लोगों की तरह उन्होंने ने भी अपने क्वारंटाइन...
अभिनेत्री सरगुन मेहता के लिए लॉकडाउन की शुरुआत काफी परेशान करने वाली थी, न किसी से बाहर मिलने जाना, न ही कोई शूटिंग, यह सब उन्हें काफी मुश्किल लगा। कई अन्य लोगों की तरह उन्होंने ने भी अपने क्वारंटाइन में उतार-चढ़ाव का सामना किया।
सरगुन ने बताया कि किस तरह लॉकडाउन की शुरुआत में उन्हें परेशानी हुई और किस तरह उनके पति रवि दुबे ने उनके मूड स्वींग्स को संभाला और इससे बाहर आने में मदद की।
सरगुन ने कहा, “लॉकडाउन के दौरान मैंने अलग-अलग फेज देखे। ऐसे दिन भी थे जब मुझे बहुत गुस्सा आता था और चिड़चिड़ापन होता था। शुरुआत में मुझे छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ होती थी। मुझे याद है कि कैसे मैं आधी रात को उठ जाती थी और रवि से कहती थी मुझे मां से मिलाने ले चलो। मेरी भावनाओं में बहुत उतार-चढ़ाव आया। भगवान का शुक्र है, महामारी के बीच रवि बहुत स्थिर रहा है। उन्होंने मेरे पागलपन को शांति से समझा। वह मुझे आश्वस्त करता था कि सबकुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा और इस तरह के मूड स्वींग्स के बाद धीरे-धीरे सामान्य हुई।”
उन्होंने यह भी साझा किया कि कैसे खाना पकाने और डांस जैसी गतिविधियों ने उन्हें घर पर रहने के दौरान खुश रखा।
सरगुन ने कहा, “मुझे डांस करना अच्छा लगता है। इसलिए मैंने खुद को डांस के नए फॉर्म्स को सीखने में व्यस्त रखने की कोशिश की। मैंने खुद के डांस करते हुए वीडियो भी बनाए। इसके अलावा मैंने खाना बनाया और मैंने महसूस किया है कि अगर किसी ने लॉकडाउन के दौरान खाना बनाना नहीं सीखा है तो वह इस ग्रह का सबसे आलसी व्यक्ति होगा। मैंने इतना खाना पकाया है कि मुझे लगता है कि अब जब मैं इसके बाद रेस्त्रां में जाऊंगी, तो मैं कह पाउंगी कि, 'अरे इससे अच्छा तो मैं ही बना लेती हूं!'।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वर्तमान महामारी ने जीवन के बारे में उनका नजरिया बदलने में मदद की है, इस पर सरगुन ने ईमानदारी से जवाब दिया, 'नहीं'।
अभिनेत्री ने कहा, “इसने जीवन के प्रति मेरा नजरिया नहीं बदला। लेकिन, हां, इससे मुझे एहसास हुआ कि मुझे जीवन में किस तरह के लोग पसंद हैं। मुझे एहसास हुआ कि मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती हूं जो प्रैक्टिकल हैं।”