'तानाजी द अनसंग वॉरियर' में काम करने के बाद सैफ अली खान ने बताया कैसी है अजय देवगन के साथ बॉन्डिंग
अभिनेता सैफ अली खान साल 2020 में अपनी जिंदगी का एक नया अध्याय लिखने जा रहे हैं। और यह सिर्फ इस वजह से नहीं है कि वह इस साल 50 वर्ष के होने जा रहे हैं, बल्कि इसलिए भी क्योंकि वह कई अलग तरह के...
अभिनेता सैफ अली खान साल 2020 में अपनी जिंदगी का एक नया अध्याय लिखने जा रहे हैं। और यह सिर्फ इस वजह से नहीं है कि वह इस साल 50 वर्ष के होने जा रहे हैं, बल्कि इसलिए भी क्योंकि वह कई अलग तरह के प्रोजेक्ट्स में काम करते दिखेंगे। एक साक्षात्कार में उन्होंने अपने पहले ऐतिहासिक किरदार से लेकर अभिनेता अजय देवगन के साथ काम करने और अपने 27 वर्षीय करियर के बारे में कई दिलचस्प बाते कीं।
फिल्म ‘तानाजी : द अनसंग वॉरियर’ में निभाया गया नकारात्मक किरदार आपकी पहली ऐतिहासिक भूमिका थी। इसके लिए आपने किस तरह से तैयारियां कीं?
मैं निर्देशक ओम राउत के साथ बैठा। इस किरदार को समझने की कोशिश की और इसके लिए सही लुक पर काम किया। लेकिन असल काम तो इसे परदे पर निभाने का था। यह मेरे लिए एकदम अलग था। हम चाहते थे कि एक्टिंग असल लगे। सीन सही लग तो मैंने कम से कम 15 से 20 बार टेक दिए। इस तरह का किरदार निभाना वाकई मुश्किल था। यह अभिनय के बाकी रूपों से बहुत अलग था। एक कलाकार के तौर पर यह मेरे लिए कुछ नया तलाशने जैसा था।
प्रोमो रिलीज होने के बाद आपके और अभिनेता रणवीर सिंह के फिल्म ‘पद्मावत’ में निभाए गए किरदार खिलजी में तुलना की गई थी। इस पर आप क्या कहेंगे?
इस भूमिका को निभाने तक मेरे मन में यह विचार नहीं आया। मैं रणवीर की तारीफ जरूर करूंगा कि उन्होंने हिंदी फिल्मों में ऐतिहासिक भूमिकाओं के लिए एक ऊंचा स्तर कायम किया है। मैंने अब तक ओरिजनल किरदारों को निभाया है। मुझे कभी किसी से प्रेरणा लेनी नहीं पड़ी, न ही मेरे काम की किसी अन्य अभिनेता के काम के साथ तुलना की गई। मुझे खुशी है कि किसी दूसरे अभिनेता के प्रदर्शन के साथ मेरी तुलना की जा रही है। लोगों को दोनों किरदार एकदम अलग जरूर लगेंगे।
अभिनेता अजय देवगन के साथ ‘कच्चे धागे’ और ‘ओमकारा’ के बाद एक लंबे अंतराल में काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा?
मेरे अजय के साथ कुछ ही सीन्स हैं और अंत में एक बड़ी लड़ाई है, जिसमें हम तलवारबाजी कर रहे हैं। हमने उसके लिए जर्मनी के टेक्निशियन्स के साथ ट्रेनिंग की थी। अजय एक प्रतिभाशाली एक्शन हीरो हैं और उनके साथ इस तरह के सीन बेहतर तरीके से करने का मतलब है कि एक अभिनेता के तौर पर मेरा और विकास हुआ है। वे बिंदास व्यक्ति, अच्छे अभिनेता और उदार निर्माता हैं। उनके साथ काम करने में मुझे बहुत मजा आया। एक तरह से देखें तो, हमारे बीच कुछ भी नहीं बदला। आज हम ज्यादा जिम्मेदार हुए हैं। ‘कच्चे धागे’ के दौरान, हम काफी सीधे थे। 90 के दशक में बनी फिल्में अद्भुत होती थीं। हमारे पास सुंदर जगहें, अच्छे दोस्त थे। उस समय ‘कच्चे धागे’ जैसी अच्छी फिल्में इंडस्ट्री में बनती थीं। वहीं आज फिल्में तनावपूर्ण हैं। ‘तानाजी’ एक बड़ी जिम्मेदारी वाली फिल्म है। हम दोनों का ही ध्यान इस पर केंद्रित था।
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आप इस वर्ष 50 साल के हो जाएंगे। अपने करियर को कैसे देखते हैं?
मैं अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी का आनंद ले रहा हूं। मैं अब जीवन में संतुलित महसूस करता हूं। यहां तक आने के लिए मैंने कड़ी मेहनत की है। मैंने अपने काम को और बेहतर किया है। अब जिस तरह के प्रस्ताव मुझे मिल रहे हैं, वे दिलचस्प हैं। आपको पता होना चाहिए कि आपको क्या चाहिए और आप किस तरह से जीना चाहते हैं। इन्हें लेकर मैं शुरू से ही स्पष्ट था। मैं अपने जीवन से बहुत खुश हूं और इसे ही असल में जीवन जीना कहता हूं।