Bomairiya Review: गंभीर मैसेज को दिखाने की कोशिश में कन्फ्यूज करती है 'बॉम्बेरिया'
राधिका आप्टे स्टारर फिल्म 'बॉम्बेरिया' शुक्रवार को रिलीज होने वाली है। अगर आपका भी है फिल्म देखने का प्लान तो पहले जान लें कैसी है ये फिल्म। कहानी 'बॉम्बेरिया' की शुरुआत होती है...
राधिका आप्टे स्टारर फिल्म 'बॉम्बेरिया' शुक्रवार को रिलीज होने वाली है। अगर आपका भी है फिल्म देखने का प्लान तो पहले जान लें कैसी है ये फिल्म।
कहानी
'बॉम्बेरिया' की शुरुआत होती है एक झोपड़ी में छिपे बूढ़े आदमी से जो एक पैकेज बनाकर घर के बाहर छिपाता है और एक आदमी गोली मारकर उसकी हत्या कर देता है। उसके बाद सामने आती हैं मेघना(राधिका आप्टे) जो एक पीआर है और उसका फोन लेकर एक स्कूटर वाला (सिद्धांथ कपूर) लेकर भाग जाता है। मेघना की मदद करने अभिषेक(अक्षय ओबेरॉय) आता है।
इसी बीच दिखाया जाता है कि एक नेता(आदिल हुसैन) जेल में बंद है जो एक पैकेज के पीछे पड़ा है। अब बाकी फिल्म में यही दिखाया जाता है कि कैसे सब एक पैकेज से जुड़ जाते हैं और सबकी जिंदगी पूरी उथल-पुथल हो जाती है, इसके साथ ही आपके दिमाग में भी काफी उथल पुथल होगी क्योंकि कहानी में इतना कन्फ्यूजन हो जाता है जिस वजह से फिल्म से ध्यान हटना शुरू हो जाता है।
एक्टिंग
एक्टिंग की बात करें तो राधिका आप्टे ने ठीक-ठाक काम किया, लेकिन कहीं न कहीं उनका किरदार बखूबी स्क्रीन पर जम नहीं पाया। अभिषेक ने एक स्वीट लड़के का किरदार ठीक निभाया। सिद्धांथ कपूर ने भी अपने किरदार में खूब जान डाली। लेकिन कहीं न कहीं इन सभी किरदारों की एक्टिंग फिल्म की स्क्रिप्ट की वजह से निखर कर नहीं आ पाई।
डायरेक्शन
इस फिल्म की निर्देशक पिया सुकन्या हैं। इस फिल्म के जरिए उन्होंने डायरेक्शन में डेब्यू किया है। पिया ने फिल्म में कई ट्विस्ट्स लाने की कोशिश की, लेकिन वो उभर कर नहीं आ पाए। फिल्म एक सीरियस मुद्दे पर बनी है, लेकिन ओवर ट्विस्ट्स के चक्कर में फिल्म कन्फ्यूज कर देती है।
रेटिंग: 2