पुण्यतिथि: चौथी क्लास तक पढ़ी थी बिग बी की 'मां', दीवार में आए थे साथ
हिन्दी सिनेमा में निरूपा रॉय को ऐसी अभिनेत्री के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपने किरदारों से मां के चरित्र को नया आयाम दिया। निरूपा राय का मूल नाम कोकिला था।
फिल्मों में निभाया मां का रोल
देवानंद की मां की भूमिका निभाई
साल 1955 में फिल्म 'मुनीम जी' में निरूपा राय ने देवानंद की मां की भूमिका निभाई। फिल्म में अपनी एक्टिंग के चलते उन्हें बेस्ट को-एक्ट्रेस के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। लेकिन इसके बाद छह वर्ष तक उन्होंने मां की भूमिका स्वीकार नहीं की। लेकिन फिर साल 1961 में फिल्म 'छाया' में वह मां की भूमिका के रोल में नजर आई थी। इसमें वह आशा पारेख की मां बनी।
फिल्म दीवार में अमिताभ की मां को रोल निभाया
निरूपा राय के सिने कैरियर पर नजर डालने पर पता चलता है कि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की मां के रूप में उनकी भूमिका काफी प्रभावशाली रही है। उन्होंने सर्वप्रथम फिल्म 'दीवार' में अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभाई। इसके बाद खून पसीना, मुकद्दर का सिकंदर, अमर अकबर एंथनी, सुहाग, इंकलाब, गिरफ्तार, मर्द और गंगा जमुना सरस्वती जैसी फिल्मों में भी वह अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका में दिखाई दी। वर्ष 1999 में प्रदर्शित फिल्म 'लाल बादशाह' में वह अंतिम बार अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका में दिखाई दी। निरूपा राय ने अपने पांच दशक लंबे सिने कैरियर में लगभग 300 फिल्मों में अभिनय किया। अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुगध करने वाली निरूपा राय 13 अक्तूबर 2004 को इस दुनिया को अलविदा कह गईं।