अवॉर्ड्स को नसीरुद्दीन शाह ने बताया लॉबिंग, कहा- फिल्मफेयर ट्रॉफी से बने हैं फार्महाउस के वॉशरूम हैंडल
बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने हाल ही में अवॉर्ड्स को लेकर अपनी बात रखी है। वहीं इस दौरान इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनके फार्महाउस के हैंडल फिल्मफेयर ट्रॉफी के हैं।
बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) अक्सर अपनी फिल्मों और किरदार के साथ ही साथ अपने बेबाक बयानों के लिए भी चर्चा में रहते हैं। नसीरुद्दीन शाह के खाते में कई ऐसे रोल्स हैं, जिनके दम पर उन्होंने दर्शकों के साथ ही साथ कई अवॉर्ड्स जीते हैं। हालांकि नसीर को अवॉर्ड्स से कोई फर्क नहीं पड़ता है और फिल्म फेयर अवॉर्ड्स को तो उन्होंने बतौर वॉशरूम के हैंडल के तौर पर इस्तेमाल करवाया है। इस बारे में खुद नसीरुद्दीन ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है।
नसीरुद्दीन के अवॉर्ड्स
नसीरुद्दीन शाह के पास कई अवॉर्ड्स हैं, जिन में पार, स्पर्श और इकबाल के लिए तीन नेशनल अवॉर्ड और आक्रोश, चक्र और मासूम के लिए तीन फिल्मफेयर अवॉर्डस भी शामिल हैं। हालांकि वो किसी भी अवॉर्ड के बारे में ज्यादा सोचते नहीं हैं और मानते हैं कि ये फिल्म इंडस्ट्री की लॉबिंग का हिस्सा है। लल्लनटॉप संग बातचीत में नसीरुद्दीन शाह ने इस बारे में खुलकर बात की, जिसे सुनकर सभी हैरान हैं।
आप कैसे एक को चुनते हैं?
इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह से अवॉर्ड्स के बारे में पूछा गया कि क्या ये सच है कि उन्होंने अवॉर्ड्स को घर में दरवाजों के हैंडल के तौर पर इस्तेमाल किया है? इस पर नसीरुद्दीन शाह ने हंसते हुए कहा, "कोई भी अभिनेता जिसने किसी भूमिका को निभाने में अपना जीवन और प्रयास लगा दिया है, वह एक अच्छा अभिनेता है। यदि आप बहुत से एक व्यक्ति को चुनते हैं और कहते हैं कि 'यह इस साल का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता है', तो यह कैसे उचित है?"
फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के हैं वॉशरूम हैंडल
नसीरुद्दीन ने आगे कहा, 'मुझे उन पुरस्कारों पर गर्व नहीं है। मुझे मिले पिछले दो पुरस्कारों को लेने भी मैं नहीं गया था। इसलिए, जब मैंने एक फार्महाउस बनाया तो मैंने इन पुरस्कारों को वहां रखने का फैसला किया। जो भी वॉशरूम जाएगा उसे दो-दो अवॉर्ड मिलेंगे क्योंकि हैंडल फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के बने हैं।' नसीर ने आगे कहा, "मुझे इन ट्रॉफियों में कोई वैल्यू नहीं दिखती है। हालांकि जब मुझे शुरुआत में मिलते थे तो मैं खुश होता था। लेकिन फिर, मेरे चारों ओर ट्राफियां जमा होने लगीं। देर-सवेर मैं समझ गया कि ये पुरस्कार लॉबिंग का परिणाम हैं।"
पद्म श्री और पद्म भूषण पर है गर्व
इस बारे में बात करते हुए नसीरुद्दीन ने आखिर में कहा, "किसी को ये पुरस्कार उनकी योग्यता के कारण नहीं मिल रहे हैं। इसलिए मैंने उन्हें पीछे छोड़ना शुरू कर दिया। उसके बाद जब मुझे पद्म श्री और पद्म भूषण मिला तो मुझे अपने दिवंगत पिता की याद आ गई जो हमेशा मेरी नौकरी को लेकर चिंतित रहते थे और कहते थे कि 'यह फालतू का काम करोगे तो मूर्ख बन जाओगे'। इसलिए, जब मैं पुरस्कार लेने के लिए राष्ट्रपति भवन गया, तो मैंने ऊपर देखा और अपने पिताजी से पूछा कि क्या वह यह सब देख रहे हैं... वह थे... और मुझे यकीन है कि वह खुश थे... मैं उन पुरस्कारों को पाकर खुश था। लेकिन मैं इन प्रतिस्पर्धी पुरस्कारों को बर्दाश्त नहीं कर सकता।"