मुकेश खन्ना ने साधा सैफ अली खान के ‘रावण की मानवता’ वाली टिप्पणी पर निशाना, कहा- बोलने से पहले क्यों नहीं सोचा?
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान ने ‘रावण की मानवता’ वाली टिप्पणी पर माफी मांगी थी, जिसके बाद मुकेश खन्ना ने उनपर निशाना साधा है। मुकेश खन्ना ने सैफ द्वारा मांगी माफी को खारिज करते हुए कहा है कि...
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान ने ‘रावण की मानवता’ वाली टिप्पणी पर माफी मांगी थी, जिसके बाद मुकेश खन्ना ने उनपर निशाना साधा है। मुकेश खन्ना ने सैफ द्वारा मांगी माफी को खारिज करते हुए कहा है कि रावण कोई बॉल नहीं है, जिसे आप बैट से मार दें। सैफ ने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। मुकेश खन्ना ने इंस्टाग्राम पर वीडियो जारी कर अपनी बात रखी है। मुकेश खन्ना ने इसे सैफ-रावण कांड करार किया है।
मुकेश खन्ना ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “अभी भी जाने अनजाने में फ़िल्मकार फ़िल्मों के तूनीर से हमारे सनातन धर्म और उनके धार्मिक किरदारों पर बाण चलाने से बाज़ नहीं आ रहे। लक्ष्मी बम फटा नहीं, एक और हमला बोल दिया गया। मशहूर कलाकार सैफ़ अली खान ने एक इंटरव्यू में एक आपत्तिजनक ख़ुलासा किया।”
उन्होंने आगे कहा कि सैफ़ अली खान ने इस इंटरव्यू में कहा कि महा बजट पर बनने वाली ‘आदिपुरुष’ फ़िल्म में लंकेश रावण का किरदार निभाना उनके लिए बड़ा दिलचस्प रहेगा। उसमें रावण को बुरा नहीं बल्कि मानवीय और एंटरटेनिंग दिखाया गया है। उसे हम दयालु बना देंगे। उसमें सीता हरण को न्यायोचित बताया जाएगा। पता नहीं सैफ़ को ऐसा क्यों लग रहा है कि ये इतना आसान है? लंकेश कोई गेंद नहीं, जिसे आप जैसा चाहें बल्ला घुमा के मार दें। इसे मैं उनकी नादानी कहूं या मूर्खता! उन्हें नहीं पता कि वह देश के करोड़ों भारतीयों की आस्था से खेल रहे हैं। या फिर उन्हें पता है फिर भी जानबूझकर बोल रहे हैं।
मुकेश खन्ना कहते हैं, “या फिर इसे मैं अपने आप को बुद्धिजीवी कहने वाले डायरेक्टर प्रोड्यूसर का दुस्साहस कहूं जो अब भी ऐसी फ़िल्म्ज़ बनाने की जुर्रत रखते हैं। फिर वही बात कहूंगा कि दूसरे किसी धर्म के किरदारों से ऐसा खेल खेलकर बताओ। अच्छे को बुरा और बुरे को अच्छा बना के पेश करो। मार खाओगे उनसे। राम, रावण नहीं बन सकता। वैसे रावण, राम नहीं। तो ये रावण को दयालु बनाने का खेल क्यों भई? क्या इसमें भी कोई साज़िश है? या फिर इन लोगों का आज़माया हुआ फ़िल्म प्रमोशन, मैं नहीं कह सकता। जनता को ख़ुद सोचना होगा। मुझे बुरा लगा इसलिए कह दिया। आप सब भी सोचिए कि आपको भी बुरा लगा या नहीं।”
मुकेश लिखते हैं कि आप सब सोचिए कि आपको भी बुरा लगा या ये लगा कि चलने दो क्या फ़र्क़ पड़ता है!! अगर ऐसा है तो बड़े ही शर्म की बात है, हम सब के लिए। मुझे न चाहते हुए भी कहना पड़ेगा हिंदू धर्म ख़तरे में है!!! ये दूसरे धर्म वाले हमेशा कहते रहते हैं। अब लगता है हमें भी कहना पड़ेगा। सावधान हो जाइए!!! अब ब्रेकिंग न्यूज़ ये है कि सैफ़ ने लिखित माफ़ी मांग ली है, अपने वक्तव्य के लिए। वाह! क्या बात है! कहते हैं अंग्रेज़ों ने एक ख़ूबसूरत शब्द बनाया है, सॉरी। तीर मारो, बम चला लो, घूंसा मार दो और फिर कह दो, सॉरी। लेकिन हमें मंज़ूर नहीं। बोलने के पहले सोचा क्यों नहीं? इस रावण कांड पर मैंने अपनी प्रतिक्रिया का एक छोटा-सा वीडियो बनाया है, जिसे मैं आपसे शेयर करना चाहता हूं।
सैफ अली खान ने माफी मांगते हुए कहा था...
“मुझे यह जानकारी मिली है कि एक मेरे एक इंटरव्यू के दौरान मेरी टिप्पणियों के चलते विवाद पैदा हुआ है और लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। मेरी ऐसी मंशा कभी नहीं थी और न ही मेरे कहने का ऐसा कोई आशय था। मैं लोगों से विनम्रता माफी मांगता हूं और अपने बयान को वापस लेता हूं। भगवान राम हमेशा सत्य के प्रतीक रहे हैं और मेरे लिए हीरो रहे हैं। आदिपुरुष फिल्म असत्य पर सत्य की जीत को दिखाती है और पूरी टीम इसे लेकर बिना किसी बाधा के काम करने में जुटी है।”
सैफ अली खान ने पिछले दिनों ‘आदिपुरुष’ फिल्म को लेकर कहा था कि इसमें रावण के मानवीय चेहरे को दिखाने का प्रयास किया गया है। यह बताया जाएगा कि किस तरह से रावण की ओर से सीता का अपहरण करना और युद्ध करना सही था, क्योंकि लक्ष्मण ने उसकी बहन शूपर्णखा की नाक काटी थी। रावण को मानवीय बताने के उनके इस बयान पर विवाद छिड़ गया था, जिसके बाद 50 वर्षीय एक्टर ने माफी मांगी थी।