साल 1998 को कभी नहीं भूल सकते हैं एक्टर मनोज बाजपेयी, जानिए कारण?
नेशनल अवार्ड विनर एक्टर मनोज बाजपेयी फिल्म इंडस्ट्री में आए हुए 26 साल हो चुके हैं। मनोज बाजपेयी को फिल्म इंडस्ट्री में बेहतरीन एक्टर्स में गिना जाता है। उन्होंने हाल ही में अपने संघर्ष की कहानी...
नेशनल अवार्ड विनर एक्टर मनोज बाजपेयी फिल्म इंडस्ट्री में आए हुए 26 साल हो चुके हैं। मनोज बाजपेयी को फिल्म इंडस्ट्री में बेहतरीन एक्टर्स में गिना जाता है। उन्होंने हाल ही में अपने संघर्ष की कहानी ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे नाम के इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया जिसे दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया। मनोज बाजपेयी कि हिट फिल्मों की लिस्ट में फिल्म सत्ता भी एक है। इस फिल्म के 22 साल पूरे होने पर मनोज ने एक पोस्ट शेयर किया है।
मनोज बाजपेयी ने फिल्म को याद करते हुए शेयर फोटो को उन्होंने कैप्शन दिया, 'और मेरी जिंदगी बदल गई...3 जुलाई, 1998 को कभी नहीं भूल सकता। मॉनसून.. इस फिल्म को फ्लॉप घोषित कर दिया गया था और यह उस समय की सबसे बड़ी हिट हुई। फिल्म 25 हफ्तों तक सिनेमाघरों में चली। 'सत्या' का संपादन अपूर्व असरानी (उस समय 19 साल के थे) ने किया था, इसे लिखा था अनुराग कश्यप (उस समय वह 23 साल के थे) और सौरभ शुक्ला ने, निर्देशन राम गोपाल वर्मा का।"
राम गोपाल वर्मा के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'सत्या' 3 जुलाई, 1998 में रिलीज हुई थी। फिल्म में मनोज बाजपेयी के अलावा उर्मिला मातोंडकर, परेश रावल, सौरभ शुक्ला, मकरंद देशपांडे जैसे प्रमुख कलाकार थे।
बता दें, मनोज बाजपेयी अपनी एक्टिंग के बल पर बॉलीवुड ही नहीं लोगों के दिलों की गहराइयों में भी बस चुके हैं, लेकिन कभी एक दौर उनके लिए ऐसा भी आया था जब वह अपनी नाकामियों से दुखी होकर आत्महत्या करने जा रहे थे। एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले ही उन्हें इतनी नाकामियां मिलीं कि उन्हें लगा कि उनके सपने कभी हकिकत नहीं बन सकेंगे। मनोज बाजपेयी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में ये बताया कि वह इतने दुखी हो चुके थे कि वह आत्महत्या करने वाले थे, लेकिन उन्होंने हालातों से लड़ा और अपनी पहचान बनाई।