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'देवदास' से ट्रेजेडी किंग बने थे दिलीप कुमार, मुश्किलों में बीता था बचपन...जानिए कैसे मिला फिल्मों में पहला ब्रेक

बॉलीवुड में 'ट्रेजडी किंग' के नाम से मशहूर दिलीप कुमार का बुधवार (7 जुलाई) को निधन हो गया। अभिनेता पिछले कुछ दिनों से उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे और उन्हें कई बार...

Radha Sharma sharma लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीWed, 7 July 2021 09:05 AM
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बॉलीवुड में 'ट्रेजडी किंग' के नाम से मशहूर दिलीप कुमार का बुधवार (7 जुलाई) को निधन हो गया। अभिनेता पिछले कुछ दिनों से उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें 29 जून को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान की पत्नी सायरा बानो पूरे समय उनके साथ थीं । दिलीप कुमार के निधन से एक बार फिर बॉलीवुड शॉक्ड हो गया है। 

मुश्किलों में गुजरा बचपन

दिलीप साहब ने 6 दशकों तक अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिलों पर राज किया। पेशावर (अब पाकिस्तान में) में 11 दिसंबर, 1922 को जन्में दिलीप कुमार का असली नाम मुहम्मद यूसुफ खान है। उनका परिवार साल 1930 में मुंबई आकर बस गया। दिलीप कुमार के पिता फल बेचा करते थे। दिलीप कुमार बचपन से ही प्रतिभावान थे लेकिन परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण उनका बचपन मुश्किलों में गुजरा । रिपोर्ट की मानें तो साल 1940 में पिता से मतभेद के बाद वह पुणे आ गए। यहां दिलीप कुमार की मुलाकात एक कैंटीन के मालिक ताज मोहम्मद से हुई, जिनकी मदद से उन्होंने आर्मी क्लब में सैंडविच स्टॉल लगाया। कैंटीन से हुई कमाई को लेकर दिलीप कुमार वापस मुंबई अपने पिता के पास आ गए और काम की तलाश शुरु कर दी। 

'ज्वार भट्टा'  से मिला बॉलीवुड में ब्रेक

मुंबई आने के बाद साल 1943 में चर्चगेट में दिलीप साहब की मुलाकात डॉ. मसानी से हुई, जिन्होंने उन्हें बॉम्बे टॉकीज में काम करने का ऑफर दिया। जहां दिलीप साहब की मुलाकात बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी से हुई। दिलीप कुमार ने फिल्म 'ज्वार भट्टा' से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की। साल 1949 में आई फिल्म 'अंदाज' से दिलीप साहब को पहचान मिली। इस फिल्म में दिलीप कुमार के साथ राज कपूर थे। इस फिल्म के बाद 'दीदार' (1951) और 'देवदास' (1955) जैसी फिल्मों में दुखद भूमिकाओं के मशहूर होने की वजह से उन्हें ट्रेजिडी किंग कहा गया।

इन फिल्मों से मिला फिल्मफेयर अवार्ड

साल 1983 में फिल्म 'शक्ति', 1968 में 'राम और श्याम', 1965 में 'लीडर', 1961 की 'कोहिनूर', 1958 की 'नया दौर', 1954 की 'दाग' के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से नवाजा गया। दिलीप कुमार पर फिल्माया गया गाना 'नैना जब लड़िहें तो भैया मन मा कसक होयबे करी' आज भी लोगों को काफी पसंद है। 

दिलीप कुमार की शादी 

दिलीप कुमार के निजी जीवन के बारे में बात करें तो उन्होंने अपने से 22 साल छोटी अभिनेत्री सायरा बानो से 11 अक्टूबर, 1966 को शादी की थी। जब सायरा बानो ने दिलीप कुमार से शादी की थी, तो उस समय वह जाने माने सुपरस्टार बन चुके थे। हालांकि, सायरा तब तक हिंदी फिल्मों में न्यू कमर एक्ट्रेस थी और फिल्मों में वह अपना नाम बनाने के लिए संघर्ष कर रही थीं। लेकिन इसके बाद भी ट्रेजडी किंग ने इन बातों का असर अपने रिश्ते पर नहीं पड़ने दिया और शायरा से शादी की। 

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