Hindi Newsएंटरटेनमेंट न्यूज़Lata Mangeshkar: Did Not Get Married: Know Why Lata Mangeshkar Had Controversy: With Rafi: Know Some Interesting Facts:

Happy Birthday Lata Mangeshkar: इस वजह से नहीं की लता मंगेशकर ने कभी शादी, रफी साहब संग भी रहा विवाद, जानिए कुछ अनसुनी बातें

भारतीय सिनेमा जगत में पिछले सात दशक से लता मंगेश्कर ने अपनी मधुर आवाज से लोगों को अपना दीवाना बनाया हुआ है, लेकिन उनके बारे में कुछ ऐसे दिलचस्प फैक्ट्स हैं जिनसे आप आज तक अंजान हैं। आज लता मंगेशकर...

Khushboo Vishnoi vishnoi लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीMon, 28 Sep 2020 04:20 PM
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भारतीय सिनेमा जगत में पिछले सात दशक से लता मंगेश्कर ने अपनी मधुर आवाज से लोगों को अपना दीवाना बनाया हुआ है, लेकिन उनके बारे में कुछ ऐसे दिलचस्प फैक्ट्स हैं जिनसे आप आज तक अंजान हैं। आज लता मंगेशकर अपना 91वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में जन्मीं लता एक मध्यम वर्गीय मराठी परिवार से हैं। 

उन्होंने साल 1942 में 'किटी हसाल' के लिए अपना पहला गाना गाया, लेकिन उनके पिता दीनानाथ मंगेश्कर को लता का फिल्मों के लिए गाना पसंद नहीं आया और उन्होंने उस फिल्म से लता के गाए गीत को हटवा दिया था। हालांकि, इसी साल लता को 'पहली मंगलगौर' में अभिनय करने का मौका मिला। लता की पहली कमाई 25 रुपये थी जो उन्हें एक कार्यक्रम में स्टेज पर गाने के दौरान मिली थी। बचपन में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा था। जब वह 13 साल की थीं तभी दिल का दौरा पड़ने से उनके पिता की मौत हो गई थी।

लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गीत गाए हैं। लता मानती हैं, “पिता का गायन सुन-सुनकर ही मैंने सीखा था, लेकिन मुझ में कभी इतनी हिम्मत नहीं थी कि उनके साथ गा सकूं।” मास्टर गुलाम हैदर ने लता को फिल्म 'मजबूर' के गीत 'अंग्रेजी छोरा चला गया' में गायक मुकेश के साथ गाने का मौका दिया था। यह लता का पहला बड़ा ब्रेक था। इसके बाद उन्हें काम की कभी कमी नहीं हुई। बाद में लता मंगेशकर ने चांदनी, राम लखन, सनम बेवफा, लेकिन, फरिश्ते, पत्थर के फूल, डर, हम आपके हैं कौन, दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे, माचिस, दिल तो पागल है, वीर जारा, कभी खुशी कभी गम, रंग दे बसंती और लगान जैसी फिल्मों में गाने गाए।

लता ने क्यों नहीं की शादी
पिता के गुजर जाने के बाद घर की सारी जिम्मेदारियां लता मंगेशकर पर आ गईं थीं। एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने कहा था कि घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी मुझ पर थी। ऐसे में कई बार शादी का ख्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी। बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी। सोचा कि पहले सभी छोटे भाई बहनों को सेटल कर दूं। फिर बहन की शादी हो गई। बच्चे हो गए। तो उन्हें संभालने की जिम्मेदारी आ गई। इस तरह से वक्त निकलता चला गया और मैंने शादी नहीं की।

जब किशोर कुमार से यूं हुई थी मुलाकात
किशोर कुमार के साथ लता की अनबन का वाकया काफी दिलचस्प है। इस घटना के बारे में बताते हुए लता ने बताया था कि 'बॉम्बे टॉकीज' की फिल्म 'जिद्दी' के गाने की रिकॉर्डिंग पर जाने के लिए वह लोकल ट्रेन से सफर कर रही थीं। उस समय उन्होंने देखा कि एक शख्स भी उसी ट्रेन में सफर कर रहा है। स्टूडियो जाने के लिए जब उन्होंने तांगा लिया तो देखा कि वह शख्स भी तांगा लेकर उसी ओर जा रहा है। जब वह बॉम्बे टॉकीज पहुंचीं तो उन्होंने देखा कि वह शख्स भी बॉम्बे टॉकीज पहुंचा हुआ है। बाद में उन्हें पता चला कि वह शख्स किशोर कुमार हैं। बाद में 'जिद्धी' में लता ने किशोर कुमार के साथ 'ये कौन आया रे करके सोलह सिंगार' गाना गाया था।

रफी से बातचीत कर दी थी बंद
लता ने पार्श्वगायक मोहम्मद रफी के साथ सैकड़ों गीत गाए थे, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्होंने रफी से बातचीत तक बंद कर दी थी। लता गानों पर रॉयल्टी की पक्षधर थीं, जबकि मोहम्मद रफी ने कभी भी रॉयल्टी की मांग नहीं की। दोनों का विवाद इतना बढ़ा कि मोहम्मद रफी और लता के बीच बातचीत भी बंद हो गई और दोनों ने एक साथ गीत गाने से इनकार कर दिया। हालांकि, चार साल बाद अभिनेत्री नरगिस के प्रयास से दोनों ने एक साथ एक कार्यक्रम में 'दिल पुकारे' गीत गाया।

एक दिन में 12 मिर्चे तक खा लेती हैं लता
बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि लता का असली नाम हेमा हरिदकर है। बचपन के दिनों से उन्हें रेडियो सुनने का बड़ा ही शौक था। 18 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला रेडियो खरीदा था और रेडियो ऑन करते ही उन्हें के. एल. सहगल की मृत्यु की खबर मिली थी, जिसके बाद उन्होंने वह रेडियो दुकानदार को वापस लौटा दिया था। लता को अपने बचपन के दिनों में साइकल चलाने का काफी शौक था जो पूरा नहीं हो सका। बता दें कि उन्होंने अपनी पहली कार 8000 रुपये में खरीदी थी। स्पाइसी खाने की शौकीन लता एक दिन में तकरीबन 12 मिर्चे तक खा लेती हैं। उनका मानना है कि मिर्च खाने से गले की मिठास बढ़ती है। लता को किक्रेट देखने का भी काफी शौक रहा है। लार्डस में उनकी एक सीट हमेशा रिजर्व रहती है।

सिर्फ एक दिन के लिए गईं स्कूल
बहुत कम लोगों को पता होगा कि लता महज एक दिन के लिए स्कूल गई थीं। इसकी वजह यह रही कि जब वह पहले दिन अपनी छोटी बहन आशा भोंसले को स्कूल लेकर गई तो टीचर ने आशा को यह कहकर स्कूल से निकाल दिया कि उन्हें भी स्कूल की फीस देनी होगी। बाद में लता ने निश्चय किया कि वह कभी स्कूल नहीं जाएंगी। इसके बाद उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर में ही रहकर अपने नौकर से प्राप्त की। हालांकि, बाद में उन्हें न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी सहित छह विश्वविधालयों से मानक उपाधि से नवाजा गया। 

भारत रत्न से नवाजा गया
लता को अपने सिने करियर में मान-सम्मान बहुत मिला। वह फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला हैं जिन्हें भारत रत्न और दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ।

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