EXCLUSIVE: हकीकत में कंजूस मक्खीचूस हैं कुणाल खेमू? विपुल मेहता की ये बात सुनकर भावुक हो गए थे राजू श्रीवास्तव, लगा लिया था गले
कंजूस मक्खीचूस रिलीज हो गई है, जिस में कुणाल खेमू, श्वेता त्रिपाठी, पीयूष मिश्रा और राजू श्रीवास्तव अहम किरदारों में हैं। हिन्दुस्तान से बातचीत में विपुल-कुणाल ने राजू को याद किया।

जी5 पर फिल्म कंजूस मक्खीचूस (Kanjoos Makhichoos) रिलीज हो गई है और धीरे धीरे सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर रिएक्ट करना शुरू कर दिया। कुणाल खेमू, श्वेता त्रिपाठी और पीयूष मिश्रा स्टारर ये फिल्म सिनेमा लवर्स के लिए काफी खास है, क्योंकि ये दिवंगत एक्टर व कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastav) की आखिरी फिल्म है। फिल्म से जुड़ी बातचीत के लिए निर्देशक विपुल मेहता (Vipul Mehta) और अभिनेता कुणाल खेमू (Kunal Kemmu), हिन्दुस्तान से जुड़े और खूब बातचीत की। ऐसे में उन्होंने राजू श्रीवास्तव से जुड़ी अपनी यादें भी साझा कीं।
हकीकत में कंजूस हैं कुणाल खेमू?
फिल्म कंजूस मक्खीचूस में कुणल खेमू का एक किरदार एक ऐसे शख्स का है, जो काफी कंजूस है। क्या कुणल हकीकत में कंजूस हैं? इस सवाल पर हिन्दुस्तान से खास बातचीत के दौरान कुणाल कहते हैं, 'मैं किफायत और कंजूस के बीच में कहीं हूं। मुझे बर्बादी पसंद नहीं है, खाना पेट भरकर खाओ लेकिन वेस्ट बिलकुल भी नहीं होना चाहिए। दिल बहुत कुछ चाहता है, लेकिन उस हर चीज की जरूरत नहीं है। तो मैं हमेशा ध्यान रखता हूं कि अगर मैं कुछ ले सकता हूं, फिर भी अगर मुझे उसकी जरूरत नहीं है तो उसे सिर्फ लेने के लिए न खरीदूं। जैसे मुझे गिफ्ट रैपिंग से बहुत दिक्कत है कि आप छोटा सा भी कुछ मंगाते हैं, तो वो बडे़ डिब्बे में आता है, जो आखिरकार फेंक दिया जाता है।'वहीं पुराने वक्त को याद करते हुए कुणाल कहते हैं, 'टूथपेस्ट की तो जान निकाल लेते हैं, बाकी कॉलेज के वक्त पार्टी आदि न देने को कंजूसी नहीं कहेंगे, बल्कि वो तो हक था। चार पार्टी में गए लेकिन अपनी ट्रीट नहीं थी। मेरा बर्थडे 25 मई को आता था, तो स्कूल की छुट्टी रहती थी।'
राजू को कुणाल और विपुल ने किया याद....
कंजूस मक्खीचूस, राजू श्रीवास्तव की आखिरी रिलीज फिल्म है। ऐसे में उनसे जुड़ी यादों के सवाल पर कुणाल कहते हैं, 'मैं बहुत खुश था, जब मुझे पता लगा था कि वो इस कैरेक्टर में है, उन्होंने बहुत अच्छा किया क्योंकि वो उस भूख के साथ आए थे कि मुझे ऐसा करना है, वैसे करना है। हम ने लखनऊ में शूट किया, जब बहुत गर्मी थी लेकिन उसके बाद भी वो शिद्दत से लगे रहते थे। वो बीच बीच में कहानी सुनाते थे, बातें करते थे। ये दुखद है कि वो अपना काम नहीं देख पाएंगे। लेकिन दुनिया देखेगी।' वहीं निर्देशक विपुल मेहता ने कहा, 'मेरे राजू जी को अप्रोच किया था और उन्हें बताया था कि रोल है। फिर वो मुझसे मिलने आए तो मैंने उन्हें कहानी सुनाई, जिस पर वो बोले कि क्या चाहते हैं। मैंने कहा था- मैं कॉमेडियन राजू श्रीवास्त नहीं चाहता, मैं एक्टर राजू श्रीवास्तव चाहता हूं। मेरी ये बात सुनकर वो भावुक हो गए और मुझे जोर से गले लगा लिया था। सेट पर उनकी आवाज सुनकर मजा ही आ जाता था, शूटिंग सेट पर हमेशा ही वो एनर्जी और खुशी का माहौल बना देते थे।'