जिंदगी में बहुत दर्द महसूस करती हैं कनिका, वही दर्द उनके गानों में भी झलकता है
बॉलीवुड में 'बेबी डॉल' और 'ये दुनिया पित्तल दी' जैसे गानों से अपनी पहचान बनाने वाली कनिका कपूर इन दिनों रियलिटी शो 'ओम शांति ओम' में बतौर जज नजर आ रही है। पेश है...
बॉलीवुड में 'बेबी डॉल' और 'ये दुनिया पित्तल दी' जैसे गानों से अपनी पहचान बनाने वाली कनिका कपूर इन दिनों रियलिटी शो 'ओम शांति ओम' में बतौर जज नजर आ रही है। पेश है कनिका कपूर से बातचीत के कुछ अंश।
कनिका आप अक्सर कहती हैं कि आज भले ही आपके पास सब कुछ है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब आपको जिदंगी में कोई दिलचस्पी नहीं थी। क्या ये सच है?
हां आज मैं हर हाल में खुश रहती हूं। मैंने अपनी छोटी सी उम्र में बहुत कुछ देखा है, यही कारण है कि मैं खुश रहकर अपना काम करना चाहती हूं। मुझे लगता है कि उतार-चढ़ाव हर किसी की जिंदगी में होता है और हमें उससे उबरने में समय भी लगता है। मुझे भी लगा। शादी के बाद आपको भरोसा नहीं होगा, लेकिन मेरी जिंदगी कैसे हो गई थी। एक समय मैं डिप्रेशन में चली गई थी, लेकिन भगवान का शुक्र है कि वो डिप्रेशन ज्यादा समय तक नहीं चला। पर फिर म्यूजिक और मेरे बच्चे मेरी जिदंगी में आए और मैंने एक नई शुरुआत की। नहीं तो कई बार डिप्रेशन से बाहर निकलने में लोगों की पूरी जिंदगी लग जाती है।
आप ओम शांति ओम कर रही हैं। क्या आपको लगता है कि आपका ये शो बाकी शो से अलग है?
'ओम शांति ओम' में भजनों के बहुत से रंग हैं। इस शो का प्रेजेंटेशन भी सबसे अलग है। यहां दर्शक गुजराती प्रतियोगी को पंजाबी भजन गाते देखेंगे और किसी को संस्कृत में गाते हुए। ये अपनी तरह का ऐसा नया कॉन्सेप्ट है, जो किसी और रियलिटी शो में नजर नहीं आया होगा। मैंने भी शो में संस्कृत में गाया है, जिसे सीखने में मुझे पूरा एक दिन लग गया था। इस शो में पुराने भजन भी हैं और कव्वालियां भी! क्योंकि भगवान का नाम किसी भी भाषा में लिया जा सकता है। भजनों की तो अपनी कोई भाषा नहीं होती।
आपके इस शो में प्रतियोगी अलग-अलग तरह के भक्ति से भरे गाने गाते हैं। ऐसे में आपका पसंदीदा भक्ति सॉन्ग कौन सा है?
मुझे कई गाने पसंद है और एक गाने का नाम लेना तो ऐसी बात हो गई कि एक हजार चीजों में से एक चीज उठाना। मैं कई बार भक्ति के गाने गाती हूं। हां वह अलग बात है कि लोगों ने मेरी पहचान ‘बेबी डॉल’ गाने के साथ जोड़ दी है।
क्या आपको कभी एक्टिंग के ऑफर आए हैं?
हां ,कई बार लेकिन न जाने लोग मुझे हीरोइन कम और आइटम गर्ल ज्यादा बनाना चाहते हैं। इसलिए फिलहाल आइटम गर्ल बनने का मुझे कोई शौक नहीं है, क्योंकि मेरे गाने पर खुद कई आइटम नंबर होते हैं। वैसे भी मुझे अभी अपनी सिंगिग और चल रहे प्रोजक्ट पर फोकस करना है तो अभी मैं वही कर रही हूं।
कई बार आपके गानों में दर्द का अहसास होता है। तो क्या ये अहसास आपके अपनी जिंदगी के अनुभवों से आता है?
मुझे लगता है जिसे ठोकर मिली होती है, वही उसका दर्द समझता है। मैं अपने जीवन में बहुत सा दर्द महसूस कर चुकी हूं, इसलिए दर्द को फील करके जीती हूं और कई बार वह मेरे गानों में भी झलकता है। ये दर्द एक-दो साल का नहीं पूरे 15 साल का था, जो उभरकर सामने आया है। लेकिन आज मैं अपने काम और अपने बच्चों के साथ काफी खुश हूं।