‘क्या अंग्रेज या कांग्रेस जिम्मेदार नहीं...’ कंगना रनौत ने ‘भीख’ वाले बयान पर दी सफाई, लिखा लंबा-चौड़ा पोस्ट
कंगना रनौत अपने बयान को लेकर आलोचना झेल रही हैं। उन्होंने देश को मिली आजादी को ‘भीख’ बताया और कहा कि 2014 के बाद असली आजादी मिली है। शनिवार को उन्होंने एक पोस्ट भी किया और कहा कि अगर कोई...
कंगना रनौत अपने बयान को लेकर आलोचना झेल रही हैं। उन्होंने देश को मिली आजादी को ‘भीख’ बताया और कहा कि 2014 के बाद असली आजादी मिली है। शनिवार को उन्होंने एक पोस्ट भी किया और कहा कि अगर कोई उन्हें गलत साबित कर दे तो वह अपना पद्मश्री वापस लौटा देंगी। अब कंगना ने फिर से एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है। उन्होंने एक आर्टिकल का हवाला देते हुए कहा कि अगर आप इसे समझ लें तो उन्होंने जो कहा उसको समझा जा सकता है।
लिखा लंबा-चौड़ा पोस्ट
कंगना ने कहा कि 2015 में बीबीसी में एक लेख प्रकाशित हुआ जिसके तर्कों में उनका जवाब मिल सकता है। उन्होंने लिखा कि ‘हमारे राष्ट्र का निर्माण करने वालों ने भारत में किए गए असंख्य अपराधों, हमारे देश का धन लूटने, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को बेरहमी से मारने, देश को दो भागों में बांटने और आजादी के वक्त किए गए अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराया।‘
अब सफाई दे रहीं कंगना
‘द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों ने अपनी सुविधानुसार भारत छोड़ दिया। विंस्टन चर्चिल को युद्ध के हीरो के रूप में सम्मानित किया गया। यह वही व्यक्ति था जो बंगाल में भुखमरी के लिए जिम्मेदार था। क्या उनके अपराधों के लिए आजाद भारत की अदालतों में उनके खिलाफ केस चलाया गया? नहीं। साइरिल रेडक्लिफ, एक अंग्रेज व्यक्ति जो कभी भारत नहीं आया था उसे बंटवारा करने के लिए केवल पांच हफ्ते पहले भारत लाया गया था।‘
कांग्रेस और अंग्रेजों को ठहराया जिम्मेदार
‘अंग्रेजों द्वारा बंटवारे की जो शर्तें तय की गई थीं उस कमेटी में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के सदस्य थे। विभाजन के वक्त 10 लाख लोग मारे गए, क्या उन मरने वालों को आजादी मिली? क्या अंग्रेज या कांग्रेस उस नरसंहार के लिए जिम्मेदार नहीं थे, जिन्होंने बंटवारे की लाइन खींची थी? नहीं।‘
स्वतंत्रता सेनानियों के लिए लिखी ये बातें
कंगना रनौत आगे एक चिट्ठी का भी जिक्र करती हैं जो ब्रिटिश हुकूमत को भेजी गई थी। वह लिखती हैं कि ‘भारत की स्वतंत्रता के लिए जान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को क्या ही पता था कि ब्रिटिश और हमारे राष्ट्र निर्माता अविभाजित भारत को दो हिस्सों में बांट देंगे, जिसके नतीजे में 10 लाख लोगों का नरसंहार होगा।‘
आखिर में उन्होंने कहा कि ‘मैं यह कहकर अपनी बात समाप्त करना चाहती हूं कि अगर हम भारत में असंख्य अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराते हैं तब भी हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रहे हैं।‘