कल्पना लाजमी की फिल्में बनीं महिलाओं की आवाज, इनसे रहा खास रिश्ता
फिल्म निर्देशक कल्पना लाजमी ने भले ही दुनिया से अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी फिल्में हमेशा लोगों को उनकी याद दिलाती रहेंगी। उनकी फिल्मों के केंद्र में महिलाएं...
कल्पना लाजिमी
फिल्म निर्देशक कल्पना लाजमी ने भले ही दुनिया से अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी फिल्में हमेशा लोगों को उनकी याद दिलाती रहेंगी। उनकी फिल्मों के केंद्र में महिलाएं ही रहीं। बॉलीवुड फिल्मों के बीच उन्होंने समानांतर सिनेमा की अलग राह चुनी। कभी रुदाली की शनिचरी के माध्यम से उन्होंने समाज में पसरे भेदभाव, जातपात और गरीबी की तस्वीर को पेश किया तो कभी दमन के जरिए घरेलू हिंसा की समस्या पर चोट की।
लाजमी ने पहली दफा बतौर सहायक निर्देशक श्याम बेनेगल के साथ काम किया था। इसके बाद उन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री भी बनाई। वर्ष 1986 में उन्होंने ‘एक पल' के साथ फिल्म बनाने की शुरुआत की। कल्पना की मां ललिता लाजमी जानी-मानी पेंटर हैं। महान अभिनेताओं में शुमार गुरु दत्त उनके मामा थे। श्याम बेनेगल भी उनके रिश्तेदार हैं।
चिंगारी आखिरी फिल्म: कल्पना लाजमी ने अपने करियर के दौरान कुल छह फिल्में और एक टीवी सीरियल ‘लोहित किनारे' बनाया। वर्ष 2006 में सुष्मिता सेन और मिथुन चक्रवती के अभिनय वाली फिल्म ‘चिंगारी' उनकी अंतिम फिल्म थी।
रुदाली को मिला नेशनल अवार्ड: 2003 में बनी फिल्म ‘रुदाली' से कल्पना लाजमी को अलग पहचान मिली। इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यही नहीं फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाने वाली डिंपल कपाड़िया को भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। ऑस्कर में भी फिल्म को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म की श्रेणी में जगह मिली थी। 2001 में बनी उनकी फिल्म दमन के लिए रवीना टंडन को भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।
कल्पना लाजमी का हफ्ते में चार बार डायलिसिस होता था। सलमान खान, आमिर खान, आलिया भट, सोनी राजदान, करण जौहर और नीना गुप्ता समेत बॉलीवुड से जुड़े कई लोग उनके इलाज का खर्च उठा रहे थे।
भूपेन हजारिका से रहा खास रिश्ता...
कल्पना मशहूर गायक-निर्देशक भूपेन हजारिका के साथ 39 साल तक रहीं। हाल ही में भूपेन हजारिका पर लिखी उनकी किताब ‘भूपेन हजारिका : एस आई न्यू हिम' भी लॉन्च हुई थी।
कल्पना लाजमी
सेलेब्स ने ऐसे दी श्रद्धाजंलि...
हमारी प्यारी दोस्त कल्पना लाजमी एक बेहतर जगह चली गईं हैं। मेरी प्यारी कल्पना की आत्मा को शांति मिले। मैं तुम्हें बहुत याद करूंगी।-सोनी राजदान, अभिनेत्री
आप बहुत याद आएंगी कल्पनाजी। आपके जाने का समय नहीं था, भगवान आपकी आत्मा को शांति दे। दमन के दौरान शूटिंग के वे दिन बहुमूल्य यादें हैं। ओम शांति।-रवीना टंडन, अभिनेत्री
प्रसिद्ध फिल्मकार कल्पना लाजमी के निधन से दुखी हूं, जिन्होंने रुदाली जैसी फिल्मों के साथ भारतीय सिनेमा में नई परंपरा की शुरुआत की। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।-ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, प. बंगाल
कल्पना लाजमी के निधन से दुखी हूं। दमन, रुदाली, और दरमियान जैसे बेहतरीन फिल्में भारतीय सिनेमा में बड़ा बदलाव लाईं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ है।- राज्यवर्धन राठौड़, खेल मंत्री
कल्पना लाजमी एक दुर्लभ संवेदनशीलता वाली फिल्म निर्माता थीं। उनके निधन की खबर सुनकर बहुत दु:ख हुआ है। उन्होंने फिल्मों में एक मजबूत एवं जुझारू महिला का चित्रण किया था। असमिया जीवन का चित्र पेश किया था। उनके परिजनों एवं मित्रों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं।'-रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति
ये रही प्रमुख फिल्में और शो...
शॉर्ट फिल्म......
डी.जी. मूवी पायोनिर (1978)
ए वर्क स्टडी इन टी प्लकिंग (1979)
अलांग द ब्रह्मपुत्र (1981)
टीवी सीरियल.......
लोहित किनारे (1988)
फिल्म..........
एक पल (1986), रुदाली(1993), दरमियां(1997), दमन(2001), क्यों(2003) और चिंगारी (2006)