Javed Akhtar B'Day Spl: 'नफरत करने वालों ने हुकूमत की होगी मगर शायरी तो मोहब्बत करने वालों ने की है'
'नफरत करने वालों ने हुकूमत की होगी मगर शायरी तो मोहब्बत करने वालों ने की है' ये खूबसूरत लाइन फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने स्क्रिप्ट राइटर और कवि जावेद अख़्तर (Jawed Akhtar) की है। जावेद साहब...
'नफरत करने वालों ने हुकूमत की होगी मगर शायरी तो मोहब्बत करने वालों ने की है' ये खूबसूरत लाइन फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने स्क्रिप्ट राइटर और कवि जावेद अख़्तर (Jawed Akhtar) की है। जावेद साहब आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं। जावेद अख्तर उर्दू गजलों के मशहूर नामों में से एक हैं, जिन्होंने कई फ़िल्मी गीत भी लिखे हैं। इस खास मौके पर पेश है जावेद अख्तर की कुछ चुनिंदा नज्म और गजल...
छोड़ कर जिस को गए थे आप कोई और था-
छोड़ कर जिस को गए थे आप कोई और था
अब मैं कोई और हूँ वापस तो आ कर देखिए
अक़्ल ये कहती दुनिया मिलती है बाज़ार में
दिल मगर ये कहता है कुछ और बेहतर देखिए
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं-
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं
मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा
वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा
क्यों डरें जिन्दगी में क्या होगा-
क्यों डरें जिन्दगी में क्या होगा
कुछ ना होगा तो तजरूबा होगा
हँसती आँखों में झाँक कर देखो
कोई आँसू कहीं छुपा होगा
तू तो मत कह हमें बुरा दुनिया-
तू तो मत कह हमें बुरा दुनिया
तू ने ढाला है और ढले हैं हम
तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है
तुम फ़ुज़ूल बातों का दिल पे बोझ मत लेना-
तुम फ़ुज़ूल बातों का दिल पे बोझ मत लेना
हम तो ख़ैर कर लेंगे ज़िंदगी बसर तन्हा
ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना हामी भर लेना
बहुत हैं फ़ाएदे इस में मगर अच्छा नहीं लगता