हिन्दुस्तान शिखर समागम: एनआरसी में डरावने प्रॉविजंस हैं-स्वरा भास्कर
बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने कहा कि सीएए का विरोध अब इसलिए हो रहा है क्योंकि गृह मंत्री ने बार-बार समुदाय विशेष को लाने की बात की। उन्होंने यह भी कहा कि सीएए को एनपीआर और एनआरसी से अलग करके...
बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने कहा कि सीएए का विरोध अब इसलिए हो रहा है क्योंकि गृह मंत्री ने बार-बार समुदाय विशेष को लाने की बात की। उन्होंने यह भी कहा कि सीएए को एनपीआर और एनआरसी से अलग करके नहीं देख सकते। स्वरा शनिवार को लखनऊ में आयोजित हिन्दुस्तान शिखर समागम के पांचवें संस्करण में बोल रही थीं।
स्वरा ने कहा कि क्या जरूरत पड़ी थी कि देश में एनआरसी और सीएए फिर से लागू हो। जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि वोट बैंक की राजनीति करनी है।' एनआरसी पर स्वरा ने कहा कि एनआरसी में डरावने प्रॉविजंस हैं। इस पर उनसे पूछा गया कि एनआरसी का ड्राफ्ट कहां है तो उन्होंने कहा कि ये मेरा काम नहीं है। स्वरा ने यह भी कहा कि जो लोग असम में मरे हैं उनसे आप उनसे सीएए पढ़ने को कहेंगे।
समागम में उनसे पूछा गया कि 2010 में एनपीआर से दिक्कत क्यों नहीं हुई? इसका जवाब देते हुए स्वरा ने कहा कि दिक्कत यह है कि एनपीआर की बात शुरू कहां से हुई, आप बिना संदर्भ के मुद्दे को नहीं देख सकते। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रवादी होना कोई आरोप नहीं है, राष्ट्र के नाम पर हत्यारे को छोड़ देना आरोप है। एक्ट्रेस भास्कर ने कहा कि सरकार को मालूम नहीं है कि उसे क्या करना है। एनआरसी के मुद्दे पर पहले पीएम को गृहमंत्री को समझाना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने अपने कार्यक्रम इंडिया माय वैलेंटाइन पर कहा कि पूरे भारत में एनआरसी पर जो ईको बॉक्स है हम उसमें देश की एकता ढूंढ रहे थे। ईको चैंबर जल्दी नहीं टूटते, कई सालों में बनते हैं।