अधूरी रह गई थी देव आनंद की पहली प्रेम कहानी, सुरैया से शादी के लिए धर्म बना था रोड़ा
26 सितंबर को देव आनंद की 100वीं बर्थ एनिवर्सिरी है। हिंदी सिनेमा जगत के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक देव आनंद फिल्मों में आने से पहले क्लर्क का काम किया करते थे। जानें ऐसे ही कुछ रोचक तथ्य।

सदाबहार हीरो देव आनंद ने 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और 6 दशकों से ज्यादा समय तक फिल्म जगत में सक्रिय रहे। 1946 में उन्होंने पहली फिल्म 'हम एक हैं' कीं लेकिन उन्हें सफलता 2 साल बाद फिल्म 'जिद्दी' से मिली। यहीं से उनकी लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ती चली गई। 2001 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म भूषण से नवाजा था। इसके अगले साल 2002 में उन्हें सिनेमा का सबसे बड़ा पुरस्कार दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड दिया गया। देव आनंद का जन्म 26 सितंबर 1923 को पंजाब (ब्रिटिश इंडिया) के शंकरगढ़ में हुआ था। आज देव आनंद दुनिया में नहीं हैं लेकिन अपनी फिल्मों के जरिए वह हमेशा लाखों-करोड़ों चाहने वालों के दिलों में रहेंगे। इस रिपोर्ट में बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।
85 रुपये में की थी नौकरी
देव आनंद की मुख्य फिल्मों में 'गाइड', 'हरे रामा हरे कृष्णा', 'देस परदेस', 'ज्वेल थीफ' और 'जॉनी मेरा नाम' है। वह अपने जमाने के सबसे हैंडसम अभिनेताओं में से थे। लड़कियां तो उनके पीछे पागल थीं। क्या आप जानते हैं फिल्मों में आने से पहले वह क्लर्क का काम किया करते थे। मुंबई में संघर्ष के दिनों में घर चलाने के लिए उन्होंने अकाउंटेसी फर्म में क्लर्क का काम किया। उस वक्त उनकी सैलरी 85 रुपये थी। इसके बाद उन्होंने मिलिट्री सेंसर ऑफिस में भी काम किया और उनकी सैलरी बढ़कर 160 रुपये हो गई। नौकरी के कुछ महीने बाद ही देव आनंद को फिल्म 'हम एक हैं' मिल गई।
इस तरह हुई प्यार की शुरुआत
देव आनंद और सुरैया की प्रेम कहानी उन दिनों हर तरफ चर्चा में रही। दोनों ने 1948 में फिल्म 'विद्या' में काम किया। इस फिल्म के गाने 'किनारे-किनारे' की शूटिंग के दौरान देव आनंद ने सुरैया को डूबने से बचाया था। वह नाव से फिसल गई थीं। फिर देव आनंद उन्हें बचाने के लिए झील में कूद गए। सुरैया ने बाद में एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर उन्होंने उन्हें नहीं बचाया होता तो वह जिंदा नहीं होतीं। यहीं से दोनों के बीच प्यार हो गया।
सुरैया की दादी ने शादी नहीं होने दी
बाद में देव आनंद ने फिल्म 'जीत' (1949) के सेट पर उन्हें प्रपोज किया और उन्हें 3000 रुपये की डायमंड रिंग दी लेकिन सुरैया की दादी इस शादी के लिए तैयार नहीं थीं। परिवार के दबाव में सुरैया ने शादी से मना कर दिया और फिर जिंदगी भर शादी नहीं की। कहा जाता है कि सुरैया ने देव आनंद के साथ भागने की भी योजना बना ली थी लेकिन उनकी दादी को इसकी भनक लग गई और उनकी योजना बेकार हो गई। सुरैया की दादी नहीं चाहती थीं कि वह किसी दूसरे धर्म में शादी करें। वह मुस्लिम थीं और देव आनंद हिंदू थे।
ना पाने का दर्द था- देव आनंद
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए देव आनंद ने कहा था, 'मुझे पहली बार प्यार हुआ था। हम सबको पता है पहले प्यार का क्या असर पड़ता है। ना पाने का दर्द। अचानक उम्मीद जगी लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो फिर चारों तरफ निराशा छा गई।'
अमिताभ के साथ कभी नहीं किया काम
देव आनंद ने अपने करियर में दिलीप कुमार, अशोक कुमार से लेकर मिथुन चक्रवर्ती और आमिर खान तक सभी के साथ काम किया। हालांकि उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ कोई फिल्म नहीं की। प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन से पहले 'जंजीर' (1973) का रोल पहले देव आनंद को ऑफर किया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
