बॉक्स ऑफिस की कमाई ही सब कुछ नहीं : मनोज
अभिनेता मनोज बाजपेयी फिल्म इंडस्ट्री के ऐसे अभिनेताओं में से एक हैं, जिन्हें बेहतर अभिनय के लिए जाना जाता है। मनोज की इस योग्यता को आलोचक और प्रशंसक दोनों ही कबूल करते हैं। उन्होंने न सिर्फ...
अभिनेता मनोज बाजपेयी फिल्म इंडस्ट्री के ऐसे अभिनेताओं में से एक हैं, जिन्हें बेहतर अभिनय के लिए जाना जाता है। मनोज की इस योग्यता को आलोचक और प्रशंसक दोनों ही कबूल करते हैं। उन्होंने न सिर्फ फिल्म ‘भोंसले’ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवार्ड जीता है। बल्कि वह दो बार यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय अभिनेता भी बन गए हैं। उन्होंने 2016 में पहली बार फिल्म ‘अलीगढ़’ के लिए यह पुरस्कार जीता था।
ऑस्ट्रेलिया से फोन पर मनोज ने हमसे इस बारे में कुछ बाते कीं, जहां उन्हें यह पुरस्कार मिला। वह कहते हैं, ‘मुझे नहीं लगता कि दुनिया के इस हिस्से में इससे बड़ा कुछ और हो सकता है। यह अविश्वसनीय है। तीन बार नामांकन की इस उपलब्धि की भावना से मैं बहुत खुश हूं। जिन्हें मेरे साथ नामित किया गया था वह ईरान के अभिनेता नावेद थे। उन्हें भी तीसरी बार नामित किया गया था। मैं बहुत उत्साहित था और थोड़ा घबराया हुआ भी था कि इस तरह के बेहतर अभिनेता और अन्य कलाकारों के साथ मुझे नामित किया गया है।’
मनोज का कहना कि अवॉर्ड को लेकर उन्हें कोई उम्मीद या अपेक्षा नहीं थी। लेकिन उन्हें फिल्म ‘भोंसले’ के लिए यह पुरस्कार मिला और इसके लिए वह भगवान के शुक्रगुजार हैं। वह कहते हैं, ‘यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है क्योंकि हमने इस फिल्म को बनाने के लिए संघर्ष किया है। इस अवॉर्ड का मिलना मेरे और पूरी टीम के लिए बड़ी बात है। कई छोटी और साधारण फिल्मों की तरह भारत आने से पहले भोंसले को कई फिल्म समारोहों में दिखाया गया। पद्मश्री मनोज बाजपेयी कहते हैं, ‘इस फिल्म को सभी फेस्टिवल में दिखाया गया है। हम अगले साल इसे रिलीज करने की योजना बना रहे हैं।’ वह आगे कहते हैं , ‘अगर आपके पास कोई ऐसी स्वतंत्र फिल्म है, जो किसी फेस्टिवल में जा सकती है, तो आप उसे जरूर भेजें। यह आपको आगे बढ़ने की एक गति देता है।’
क्या यह गति कभी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में तब्दील हुई? बकौल मनोज,‘बॉक्स ऑफिस की कमाई ही सब कुछ नहीं होती। ऐसी फिल्मों से जुड़े लोग बॉक्स ऑफिस के बारे में ज्यादा नहीं सोचते, क्योंकि हमारा काम एक ऐसी कहानी बनाना है, जो लोगों को सूचना देने और सवाल पूछने के लिए प्रेरित करे। मुझे यकीन है कि भोंसले देखने के लिए थिएटर जाने वाले लोग इसे पसंद करेंगे।’
जब उनसे पूछा गया कि आप इन पुरस्कारों को कितना महत्व देते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘अगर यह आपकी अहमियत या विश्वसनीयता को बढ़ाता है, तो इससे फर्क पड़ता है। भोंसले और मेरे मामले में यह काफी अच्छा रहा है। अगर आप सोशल मीडिया पर देखें, तो इसके बारे में काफी बातें हो रही हैं। बधाई संदेश चारों ओर से आ रहे हैं। लोगों को खुशी और गर्व है कि एक भारतीय फिल्म ने इतने बड़े मंच पर जीत हासिल की है।