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मिलिये इस एक्टर से जिसे शेविंग में आलस के चलते मिला यह सम्मान

बरुन सोबती खुद को बिल्कुल सामान्य इनसान मानते हैं, पर हकीकत यह है कि उनके फैन बहुत से लोग हैं। उनकी इसी खासियत के कारण युनाइटेड किंग्डम की मैग्जीन ‘ईस्टर्न आई’ ने वर्ष 2013 में उन्हें...

सुनीता तिवारी ‘निगम’, लाइव हिन्दुस्तान Fri, 6 Oct 2017 06:25 PM
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बरुन सोबती खुद को बिल्कुल सामान्य इनसान मानते हैं, पर हकीकत यह है कि उनके फैन बहुत से लोग हैं। उनकी इसी खासियत के कारण युनाइटेड किंग्डम की मैग्जीन ‘ईस्टर्न आई’ ने वर्ष 2013 में उन्हें ‘सेक्सिएस्ट एशियन मैन’ की उपाधि दी थी। पेश हैं बरुन सोबती से हुई बातचीत के कुछ अंश-

आपके नाम बरुन का क्या कोई खास मतलब है?
जी, बरुन का कोई मतलब नहीं होता है। बरुन नाम रखने के पीछे मेरी दादी जी की चाहत है। दादीजी ने मेरे जन्म से पहले ही मेरा नाम वरुण रखने का फैसला कर लिया था। मगर जब पंडित जी ने मेरा नाम ‘ब’ अक्षर से रखने के लिए कहा, तो दादी जी ने वरुण से मिलता-जुलता नया नाम निकाला और बरुन रख दिया।
आप अपने किसी महिला सह कलाकार के बारे में कुछ कहना चाहेंगे?
नहीं, ऐसा कुछ खास तो नहीं। पर हां, मेरे साथ अब तक जितनी भी महिला कलाकारों ने काम किया है, सब बहुत मेहनती हैं। वे अपने किरदार के प्रति बहुत सतर्क होती हैं। मुझे लगता है कि वे लड़कों से ज्यादा मेहनत करती हैं, अपने रोल के लिए पहले से तैयार होती हैं।


फिल्म ‘तू है मेरा संडे’ में आपका रोल कैसा है?
‘तू है मेरा संडे’में अर्जुन नाम का एकदम साधारण पढ़ा-लिखा लड़का है, पर बिल्कुल मनमौजी है। शायद यह रोल मुझे मिला भी इसलिए कि मैं निजी जिंदगी में भी काफी हद तक वैसा ही हूं। एकदम मस्त हूं। अर्जुन को जैसा दिखाया गया है, मेरा व्यवहार बिल्कुल वैसा ही है।
‘तू है मेरा संडे’ में मुंबई बीच पर सब दोस्त फुटबॉल खेलते हैं, क्या फिल्म की शूटिंग से पहले आप लोगों ने फुटबॉल खेलने की प्रैक्टिस की थी?
फुटबॉल तो मैं पहले भी खेलता था। पर हां हमें दिनेश नायर जी ने एक महीने तक इसकी प्रैक्टिस करवाई गई थी। उसके बाद हमने काफी दिनों तक मुंबई बीच पर भी फुटबॉल खेला था।


आप दिल्ली के रहने वाले हैं, तो मुंबई में दिल्ली की किस चीज की कमी सबसे ज्यादा महसूस करते हैं?
दिल्ली की बहुत सी चीजें हैं, पर खाने-पीने की चीजों की जितनी वैराइटी दिल्ली में है, वह कहीं नहीं। उन सब खाने-पीने की चीजों की कमी खलती है। हम पंजाबी लोग तरह-तरह की खाने-पीने की चीजें खाने के शौकीन होते ही हैं।

आपका संडे कैसा होता है?
मैं अगर शूट पर नहीं गया। घर पर हूं, तो परिवार के साथ कहीं घूमने जाता हूं। हम सब बाहर खाना खाने जाते हैं। शाम को पार्टी आदि में चले जाते हैं। एक बात बता दूं कि मैं बहुत फैमिली ओरिएंटिड हूं। परिवार के साथ ही संडे बिताना अच्छा लगता है। शूटिंग से बहुत थक जाता हूं, तो सं़डे को जमकर आराम भी करता हूं। फिर ना कहीं जाता हूं, ना ही कुछ काम करता हूं। मुझे जो अच्छा लगता है, मैं वही करता हूं।


आप शूटिंग की व्यस्तता में अपनी हेल्थ और फिटनेस का कैसे ध्यान रखते हैं?
आपने ठीक ही पूछा है स्वास्थ्य के बारे में, इतनी व्यस्तता में सच कहूं तो सेहत की तो वाट ही लग जाती है। पिछले एक महीने से मैं जिम नहीं गया। खाना भी समय पर नहीं खा पा रहा। फिर जो मन करता है, वही खा लेता हूं। रात को देर से सोना होता है। वैसे नियमित तौर से जिम जाता हूं। खाने-पीने का खास ध्यान रखता हूं। पर लगातार शूटिंग की व्यस्तता में सारा रूटीन टूट जाता है। एक्टर बनने से पहले मैं लगातार खेलने के लिए और व्यायाम के लिए समय निकाल लेता था। शुरू में पांच साल तक मैंने टेलीकॉम कॉन्टैक्ट सेंटर में डिप्टी मैनेजर के पद पर नौकरी भी की थी। नौकरी के दौरान इतनी व्यस्तता नहीं रहती थी।


आपको सेक्सी हीरो का खिताब मिला हुआ है? आपके फैन बहुत लोग हैं। आप अपने अंदर ऐसी क्या खूबी पाते हैं? आप जो हलकी दाढ़ी हमेशा रखते हैं, कहीं इसका राज वही तो नहीं?
पता नहीं लोग मुझे सेक्सी क्यों कहते हैं, जो ऐसा कहते हैं, वे बेहतर समझते हैं। मैं सोचता हूं कि मैं तो एकदम साधारण सा हूं। रही बात दाढ़ी रखने की, तो उसके पीछे कोई राज नहीं है। बस, यह समझ लीजिए कि मैं शेव करने में बहुत आलस करता हूं।

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