अमिताभ ने शेयर की पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता, कहा- अंधेरी रात में दीया जलाना कब मना है?
बॉलीवुड इंडस्ट्री के महानायक अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह अपने फैन्स के साथ अक्सर पोस्ट साझा करते रहते हैं। अब उन्होंने अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता शेयर की है,...
बॉलीवुड इंडस्ट्री के महानायक अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह अपने फैन्स के साथ अक्सर पोस्ट साझा करते रहते हैं। अब उन्होंने अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता शेयर की है, जिसे बहुत पसंद किया जा रहा है। इस कविता को उन्होंने इन दिनों के हालातों से जोड़ते हुए इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की है।
इस कविता का शीर्षक है 'अंधेरे का दीपक'। इसकी पंक्तियां कुछ ऐसी हैं, है अंधेरी रात पर, दीवा जलाना कब मना है? कल्पना के हाथ से कम नीय जो मंदिर बना था, भावना के हाथ ने जिसमें विातों को तना था, स्वप्न ने अपने करों से था जिसे रुचि से संवारा, स्वर्ग के दुष्प्राप्य रंगो से, रंसों से जो सना था, ढह गया वह तो जुटाकर ईंट, पत्थर, कंकड़ों को एक अपनी शांति की कुटिया बनाना कब मना है?
बिग बी के फैन्स को यह कविता बहुत पसंद आ रही हैं। वे इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कविता को साझा करते हुए कैप्शन में अमिताभ ने इस कविता का अंग्रेजी मतलब भी बताया है। इस कविता का भावार्थ है कि उम्मीद की एक किरण होती है, जो मुश्किल हालातों में भी हमारे पास होती है लेकिन हम उस पर ध्यान नहीं देते।