EXCLUSIVE: ट्रोलर्स के लिए रिद्धि डोगरा ने कही ये शानदार बात, जानें क्यों एक्टिंग को कहने वाली थीं अलविदा
अभिनेत्री रिद्धि डोगरा का नाम उन सितारों में शुमार होता है, जो हर बार दर्शकों के सामने कुछ न कुछ अलग लेकर आई हैं। ऐसे में एक बार फिर रिद्धि, ऑल्ट बालाजी के 'द मैरिड वुमन' से धमाका करने को...
अभिनेत्री रिद्धि डोगरा का नाम उन सितारों में शुमार होता है, जो हर बार दर्शकों के सामने कुछ न कुछ अलग लेकर आई हैं। ऐसे में एक बार फिर रिद्धि, ऑल्ट बालाजी के 'द मैरिड वुमन' से धमाका करने को तैयार हैं। 'द मैरिड वुमन' की रिलीज से पहले रिद्धि ने लाइव हिन्दुस्तान के साथ खास बातचीत की और कई सवालों के दिए बिंदास जवाब।
LGBT(Lesbian, Gay, Bisexual, & Transgender) रिलेशनशिप्स पर क्या सोचती हैं आप?
मैं सिर्फ इंसानियत में विश्वास रखती हूं। मुझे लगता है कि हमारा धर्म इंसानियत है और बाकी सारी चीजें हम इंसानों ने ही बनाई हैं। मेरा मानना है कि हम सब बराबर हैं, हम सभी में भावनाएं, गुस्सा, प्यार, दुख... सब बराबर है। मेरी नजर में चाहें LGBT कम्यूनिटी हो या कुछ और, सब बराबर है। मैं किसी को भी कुछ अलग और गलत नजरों से नहीं देखती हूं।
एक वक्त ऐसा आया था, जब आपने एक्टिंग की दुनिया को अलविदा कहने की सोचा था, क्या हुआ था?
दरअसल एक वक्त ऐसा आया था जब मुझे ये लगने लगा था कि मुझे जैसा काम करना है, वैसे काम मुझे मिल नहीं रहा है। मुझे लग रहा था कि अगर एक प्रोजेक्ट के बाद दूसरे प्रोजेक्ट के लिए मुझे इंतजार करना पड़ा रहा है तो थोड़ी दिक्कत है। मुझे एक्टिंग बहुत पसंद है लेकिन मैं नेटवर्किंग नहीं कर सकती हूं। तो ऐसे में मैंने अपना टाइम वेस्ट नहीं किया और खुद पर काम किया। मैंने उस दौरान बहुत काम किया था।
आपने टीवी और वेब सीरीज, दोनों में काम किया है? कौनसा मोड आपको बेहतर लगा और क्यों ?
दोनों ही मोड काफी अलग हैं और यही इसकी खासियत है। हम एक्टर्स काफी लकी है कि हम अलग अलग मीडियम पर काम कर सकते हैं और अलग अलग तरीके से काम कर सकते हैं। टीवी का अपना ही एक अलग मजा है, आप रोज पर काम पर जाते हैं और ऑफिस जैसा फील होता है। आपके आने जाने, लंच, पैकअप सबका वक्त फिक्स होता है। टीवी शो पर आपको एक फैमिली फील मिलता है। वहीं ओटीटी काफी अलग है, क्योंकि वहां पर लोग अलग अलग बैकग्राउंड से आते हैं और साथ में काम करते हैं। आप किरदार और हर सीन पर काफी मेहनत करते हैं।
सोशल मीडिया को वरदान मानती हैं या अभिशाप? ट्रोलर्स को कैसे हैंडल करती हैं?
ट्रोलर्स को सीधे तौर पर इग्नोर करना चाहिए, उनकी बात ही नहीं करनी चाहिए। वहीं इंटरनेट एक बहुत अच्छी चीज है, पूरे लॉकडाउन में हम दूर होकर भी एक दूसरे से कनेक्टिड थे। इंटरनेट ने काफी सारी अच्छी चीजें की हैं और मुझे लगता है कि वही काफी जरूरी है।