Hindi Newsएंटरटेनमेंट न्यूज़Actor Irrfan Khan wife Sutapa Sikdar Shares Photo Of Son Babil Khan Breaking Into Tears writes an emotional poem

इरफान खान के बेटे बाबिल के रोने पर मां सुतापा ने लिखी इमोशनल कविता, बताया- कड़क लौंडा

बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान के जाने का गम आज तक कोई भुला नहीं सका है। उनकी पत्नी सुतापा सिकदार तो सोशल मीडिया के जरिए इरफान से जुड़ी यादें अक्सर साझा करती दिखाई दे जाती हैं। वहीं हाल ही में उन्होंने...

Utkarsha Srivastava हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 15 April 2021 02:58 PM
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बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान के जाने का गम आज तक कोई भुला नहीं सका है। उनकी पत्नी सुतापा सिकदार तो सोशल मीडिया के जरिए इरफान से जुड़ी यादें अक्सर साझा करती दिखाई दे जाती हैं। वहीं हाल ही में उन्होंने अपने बेटे बाबिल खान को लेकर एक बेहद इमोशन पोस्ट किया है। जिसमें इरफान की याद में बाबिल आंसू बहाते दिख रहे हैं। वहीं सुतापा ने बेटे की इस तस्वीर के साथ एक बेहद इमोशनल कविता लिखी है, जिसमें बताया है कि किस तरह बाबिल खुलकर अपने जज्बात खुलकर जाहिर करते हैं।

बेटे की इमोशनल फोटो...

सुतापा सिकदार ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर बेटे बाबिल की एक तस्वीर शेयर की है। जिसमें बाबिल आंसुओं से अपने जज्बात बयान करते दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर के साथ सुतापा ने बेटे की तारीफें करते हुए बेहद गहरे भाव बयान करने वाली एक कविता लिखी है। इस कविता में सुपाता ने अपने बेटे को 'कड़क लौंड़ा' कहा है। यहां देखें सुतापा द्वारा शेयर किया गया पोस्ट-

बड़ा सख्त लौंडा है वो...

इस तस्वीर के कैप्शन में सुतापा ने जो कविता लिखी है वो कुछ यूं है- 'मेरा बेटा, बड़ा कड़क लौंडा है वो.. चुप चुप के नही सबके सामने ज़ार ज़ार रोता है वो। बड़ा कड़क लौंडा है, बाप के यादों को समेटता है। नाज़ुक उंगलियों से बिखेरता है उन्हें ख़ुशबू कि तरह, सहेजता है उन्हें बंद डायरी में... बड़ा सख्त लौंडा है वो। अपनी मां को गले लगाके कह पाता है... 'पूरी ज़िंदगी तू घना पेड़ थी हम सब के लिए। अब उड़ मां पंख फैलाए होश गवाएं'। शर्माता है गालों पर उसके गिरते हैं डिम्पल मुस्कुराकर... जब कहता है अपनी ही मां को 'अब तो जा जीले अपनी ज़िंदगी सिमरन'।

रात भर रोता है बाबा की याद में...

उन्होंने आगे लिखा- 'बड़ा शख़्त लौंडा है यह... रात भर रोता है बाबा की याद में... जब आंख सूज जाती है तो पूछने पर यह नही कहता- अपनी मरदानगी के ख़ातिर की सोया नहीं रात भर। कह देता है रोया हूं मां...अहससात को जज़्बात को नौ मन बोझ बनाके नही रखता क्यूंकि मर्द है वो... अल्लाह का लाख-लाख शुक्र है बड़ा सख़्त लौंडा है मेरा बेटा। क्यूंकि जज़्बात छिपाने के लिए नहीं दिखाने के लिए जिगर चाहिए होता है। पुराने रिवायतों को तोडकर नए आयाम बनाने के लिए जिगर चाहिए होता है। बहुत बहुत सख्त होना पढ़ता है नरम दिखने के लिए। बड़ा शख़्त लौंडा है यह।

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