Tejas Movie Review: ना कहानी में दम, ना नयापन, कंगना रनौत की शानदार एक्टिंग भी नहीं बचा पाई फिल्म
कंगना रनौत की महत्वाकांक्षी फिल्म तेजस शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म में कंगना ने एक पायलट की भूमिका निभाई है। अगर इस हफ्ते फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं तो पढ़िए रिव्यू।

फिल्म: तेजस
कलाकार: कंगना रनौत, आशीष विद्यार्थी, अंशुल चौहान, वरुण मित्रा, विशक नायर
निर्देशक: सर्वेश मेवाड़ा
कंगना रनौत ने फिल्म में तेजस गिल का किरदार निभाया है जो कि एक आईएएफ पायलट है। फिल्म में देशभक्ति से भरे भाषण के साथ पाकिस्तान पर भी निशाना साधा गया है। इसकी कहानी पाकिस्तान में एक चौकी के अंदर रेस्क्यू अभियान के इर्द-गिर्द है जो कि विकी कौशल स्टारर 'उरी' की याद दिलाती है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य दुश्मन को मूर्ख बनाना है। इस दौरान फिल्म तनाव और उत्तेजना पैदा करने में सफल होती है। फिल्म का पहला भाग जल्दबाजी में लगता है जैसे कोई आखिरी ट्रेन पकड़नी हो। दूसरे हिस्से में जाकर एक लय आती है जब एक्शन सीन्स दिखाए जाते हैं। क्लाइमेक्स में एरियल सीन अच्छा बन पड़ा है और बिना वजह शोरगुल पैदा नहीं करता है।
कंगना पर केंद्रित फिल्म
तेजस गिल भारतीय वायुसेना में एक तेज तर्रार पायलट है जो खतरों का सामना करती है। फिल्म पूरी तरह से तेजस के इर्द-गिर्द ही है और सभी किरदार उसके आस-पास घूमते हैं। वह कई बार सीनियर अधिकारियों के आदेश की परवाह नहीं करती और अपनी जान जोखिम में डालकर अन्य अधिकारियों को बचाती है। ऐसा लगता है वह फिल्म की मुख्य किरदार है तो कुछ भी कर सकती है जिन्हें असलियत में शायद कभी नहीं किया जा सकता।
फिल्म की कहानी
फिल्म में भारतीय वायुसेना को गौरवपूर्ण तरीके से दिखाया गया है। इसमें पायलटों के साहस और समर्पण पर जोर है। देशभक्ति को लेकर अलग तरह का उत्साह है लेकिन कभी-कभी यह अंधराष्ट्रवाद की हद तक भी पहुंच जाता है। शुक्र है यह केवल अपनी तारीफ में कही गई फिल्म नहीं है बल्कि यह पायलटों की बहादुरी और प्रतिबद्धता का जश्न मनाने पर केंद्रित है। करीब 2 घंटे की यह फिल्म आंतकवाद के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करती है। रेस्क्यू ऑपरेशन को इस तरह से डिजाइन किया गया है जैसे लगता है दुश्मन मूर्ख है।
क्या है कमी
फिल्म का साउंडट्रैक उपयुक्त है लेकिन यह और जबरदस्त हो सकता था। एक्शन दृश्यों के दौरान तेज और भयानक संगीत कभी-कभी कहानी से ध्यान भटकाता है। कंगना रनौत का काम शानदार है और एक पायलट के रूप में वह जची हैं। उन्हें कई बार वायुसेना में और समाज में एक स्वतंत्र सोच वाली और बहादुर महिला के रूप में खुद को साबित करना पड़ता है। अंशुल चौहान ने उनका बखूबी साथ दिया है।
