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ऐश्वर्या राय से ब्रेकअप और सलमान खान से झगड़े पर बोले विवेक ओबरॉय, एक वो जो डर था…

ऐश्वर्या राय से ब्रेकअप और सलमान खान से झगड़े पर बोले विवेक ओबरॉय, एक वो जो डर था…

संक्षेप: विवेक ओबरॉय ने बताया जब उनका दिल टूटा तो वह इतने परेशान हो गए कि दोबारा ऐसा नहीं होने देना चाहते थे। वह अब सारी बातें भूल चुके हैं लेकिन अपने मां-बाप की परेशानी को नहीं भूल पाते।

Mon, 29 Sep 2025 03:39 PMKajal Sharma लाइव हिन्दुस्तान
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विवेक ओबरॉय और सलमान खान के बीच का झगड़ा काफी सुर्खियों में रह चुका है। विवेक इस पर कई बार बोल भी चुके हैं। उन्होंने एक पॉडकास्ट में बताया कि पुरानी बातें भूलकर आगे बढ़ चुके हैं। बस अपनी मां की आंखों के आंसू और पिता की चिंता को नहीं भूल पाते। विवेक दिल टूटने पर भी बोले और कहा कि जब जो डर और कड़वाहट थी उसे भूल चुके हैं।

झेल चुका हूं दिल टूटने का दर्द

प्रखर गुप्ता से बातचीत में विवेक बोले, 'मैं जीवन में एक बहुत सेंसिटिव और इमोशनल इंसान रहा हूं। मैं दिल टूटने के डर में नहीं जीना चाहता क्योंकि एक बार इसे झेल चुका हूं। मैंने अनुभव किया है, यह बहुत डरावनी, अकेली और अलग-थलग करने वाली जिंदगी होती है। मैं बहुत इंसानियत वाला, रिश्तों से प्यार करने वाला और फैमिली ओरिएंटेड बंदा हूं।,'

नहीं चाहता था वो दर्द

विवेक बोले, 'दिल टूटने के बाद, मैंने खुद को बहुत सीमित कर लिया, मैं खुद को प्रोटेक्ट करने के लिए बहुत अकेला हो गया था क्योंकि मैं फिर से उस दर्द का अनुभव नहीं करना चाहता था। इंसान होने के नाते हम इस साइकल से गुजरते हैं। लेकिन मैं ऐसा नहीं हूं, ये मेरा नेचर नहीं है। मैं जैसा नहीं हूं उस तरह से काम कर रहा था, ये वो फीलिंग होती है जो जैसे मछली को पानी के बाहर निकाल दिया गया हो। आपको फिर से खुलना पड़ता है, प्यार करना पड़ता है और फिर से फील करना पड़ता है।

जो हुआ भूल चुका हूं

सलमान से हुए झगड़े पर विवेक बोले, 'अजीब बात ये है कि सिर पर जब आफत आती है, सिर पे पंगे होते हैं, तब वो बड़े लगते हैं। अब जब मैं अपने बच्चों की प्रॉब्लम्स देखता हूं, मैं हंसता हूं क्योंकि उनकी दिक्कतें कोई दिक्कतें भी नहीं हैं। उसी तरह मुझे लगता है कि जब भगवान हमारी प्रॉब्लम्स देखते होंगे सोचते होंगे, 'बच्चे ये छोटी चीज है, मैं तुमको मजबूत बनाऊंगा।' वो परस्पेक्टिव बाद में दिखता है। अब मुझे ये सब इम्मच्योर लगता है। रिएक्शन देना फनी लगता है। एक वो जो डर था या कड़वाहट थी, जख्म थे उस वक्त मुश्किल लगते हैं। जो भी हुआ मैं अब भूल चुका हूं।

मां का दर्द नहीं भूल पाते

विवेक आगे बोले, जिस चीज से मूवऑन करना मुश्किल है, वो है मां की आंखों में आंसू देखना, पिता के चेहरे पर सिकन। वो चीजें रह जाती हैं। धीरे-धीरे आपको इससे आगे बढ़कर अच्छी बातें दिमाग में रखनी होती हैं।

Kajal Sharma

लेखक के बारे में

Kajal Sharma
काजल शर्मा लाइव हिन्दुस्तान वेबसाइट में एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल टीम को लीड करती हैं। पत्रकारिता में करीब 15 वर्षों का अनुभव रखने वाली काजल ने प्रिंट और डिजिटल, दोनों ही माध्यमों में अपनी पहचान बनाई है। फिल्म, टीवी, फैशन और सेलिब्रिटी लाइफस्टाइल से जुड़े विषयों पर लेखन, कंटेंट प्लानिंग और एग्जिक्यूशन में उनकी गहरी पकड़ है। सोशल मीडिया ट्रेंड्स पर उनकी पैनी नजर रहती है, जिन्हें वह दिलचस्प अंदाज में खबरों के जरिए पाठकों तक पहुंचाती हैं। और पढ़ें

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