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शैतानी शक्तियों के यशगान से खराब हुई जिंदगी, फिर से आस्तिक बने हनी सिंह, बोले- भोलेबाबा ने बचाया

  • हनी सिंह का मानना है कि उन्हें इतना फेम मिला फिर वह नशा करने लगे इन सबका नतीजा था कि दिमाग शैतानी सोच का हो गया था। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि इसी के बाद जिंदगी खराब हुई।

Kajal Sharma लाइव हिन्दुस्तानMon, 2 Sep 2024 11:01 AM
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हनी सिंह के गानों के नशे में आज भी लोग झूमते हैं। लेकिन वह खुद को चरस, गांजा और शराब के नशे के चंगुल से खुद को बाहर ला चुके हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी के डार्क फेज पर डिटेल में बात की। हनी सिंह ने बताया कि वह बचपन में नास्तिक हो गए थे। वह सिख परिवार से हैं। उन्होंने अपने बाल कटवाए तो उनके पिता ने करीब ढाई साल बात नहीं की। इसके बाद हनी सिंह ने हिंदू-मुस्लिम दोनों धर्मों के बारे जानकारी हो गई और किसी भी भगवान को मानना बंदकर दिया। उन्होंने बताया कि नशे में वह बुरी शक्तियों वाली सोच के हो गए थे तबसे ही उनकी जिंदगी खराब हो गई। हनी सिंह ने बताया कि चार बोतल वोडका गाना उसी 'शैतानी सोच; के तहत लिखा था।

13 साल में बन गए नास्तिक

हनी सिंह लल्लनटॉप से बातचीत में बोले, 'घर में बहुत स्पिरिचुअल माहौल है। मैं स्कूल में तबला बजाता था ये कहानी किसी को नहीं पता। मैं केश रखता था। मेरे बालों में जटाएं बनने लगीं। मैं हफ्ते में 3 दिन केशस्नान करता था फिर भी डेडलॉक्स बनते थे। मम्मी ये जटाएं काट देती थीं। मेरी जूड़ी छोटी होती गई। छठीं क्लास में लोग छोटी जूड़ी का मजाक उड़ाते थे तो मैंने मम्मी से कहा केश काट दो। मम्मी ने केश काट दिए। पापा घर पर नहीं थे। अगले दिन असेंबली में सिर पर रुमाल बांधकर तबले पर खड़ा हुआ। प्रिंसिपल साहब ने निकाल दिया। मैं उस वक्त 12 या 13 साल का था। मैंने तबला, दीन-धर्म छोड़ दिया और 13 साल की उम्र में नास्तिक बन गया।'

लिया हर धर्म का ज्ञान

हनी सिंह ने बताया कि उनके म्यूजिक गुरु अभिनवाचार्य जी ने उन्हें हिंदु्त्व और सनातन धर्म से रूबरू करवाया। घर से सिख धर्म के बारे में जाना। मैंने सोचा कि किसी धर्म को नहीं मानूंगा, ज्ञान लेता रहूंगा। 2007 में मोहाली शिफ्ट हुआ। वहां इस्लाम से परिचय हुआ। उसके बारे में ज्ञान लिया। हनी सिंह बोले, जब 2011-12 में मेरा वक्त आया तो मुझे ईश्वर का शुकराना करना चाहिए था लेकिन मैं शैतानी शक्तियों का यशगान करने लगा। वहां से मेरा दिमाग खराब और मेरी जिंदगी सब खराब हो गई। हनी सिंह ने बताया कि नास्तिक से आस्तिक वह 2018-19 में बीमारी के दौरान बने। हनी सिंह बोले कि उन्हें भोलेबाबा ने बचा लिया।

 

 

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