ऐश्वर्या राय से होती थी दीया मिर्जा की तुलना, बोलीं- उनकी तरह दिखने के लिए चार साल तक मैंने…
- दीया मिर्जा ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में बताया कि जब उन्होंने इस इंडस्ट्री में कदम रखा था तब उनकी तुलना मिस वर्ल्ड 1994 ऐश्वर्या राय बच्चन से होती थी।

दीया मिर्जा ने मिस इंडिया एशिया पेसिफिक 2000 और मिस एशिया पेसिफिक इंटरनेशनल 2000 का ताज जीता था। वहीं ऐश्वर्या राय बच्चन ने मिस वर्ल्ड 1994 का खिताब अपने नाम किया था। ऐसे में जब दीया साल 2001 में ‘रहना है तेरे दिल में’ से फिल्मों में डेब्यू कर रही थीं तब उनकी तुलना ऐश्वर्या राय से होती थी।
खुद को खूबसूरत नहीं मानती थीं दीया
दीया ने जूम को दिए इंटरव्यू में कहा, “जब मैं डेब्यू कर रही थी तब मेरी तुलना कई ब्यूटी क्वीन्स से होती थी, खासतौर पर ऐश्वर्या राय से। लोग चाहते थे की मैं उनकी तरह दिखूं। हालांकि, मैं बहुत जल्दी ये बात समझ गई थी कि खूबसूरत दिखने के लिए गोरा होना या नीली आंखें होना जरूरी नहीं हैं।" दीया ने आगे कहा, "जब मैं डेब्यू कर रही थी तब गोरे लोगों को ही खूबसूरत माना जाता था। आपको पता है मैं अपने करियर के शुरुआती 3-4 साल तक, आंखों में नीले रंग के लेंस लगाती थी ताकि मैं ऐश्वर्या की तरह दिखूं। खूबसूरती का जो पैमाना है उसे पूरा कर सकूं। अजीब बात तो ये थी कि मिस इंडिया एशिया पेसिफिक और मिस एशिया पेसिफिक इंटरनेशनल जीतने के बाद भी मैं खुद को खूबसूरत नहीं मानती थी।”
‘आज भी वो फिल्म देखकर डर जाती हूं’
दीया ने महेश मांजरेकर की ब्लैक कॉमेडी फिल्म ‘प्राण जाए पर शान न जाए’ (2003) का एक्सपीरियंस शेयर किया। दीया ने बताया, “यह एक बहुत ही अनोखी फिल्म थी। मैंने इस फिल्म में ऐसी लड़की का किरदार निभाया था जिसे समाज खूबसूरत नहीं मानता था। मुझे याद है, मेरा मेकअप होता था। मुझे काला दिखाया जाता था और मेरी आंखों का रंग जैसा है वैसा ही रखा जाता था। फिल्म के आखिरी में लड़की का ट्रांसफॉर्मेशन होता है तो जब ट्रांसफॉर्मेशन हुआ तब मुझे गोरा दिखाया गया और मेरी आंखों का रंग बदल दिया गया। मुझे ग्रे कलर के लेंस पहना दिए गए। तब मुझ में ये सब समझने की समझ नहीं थी, लेकिन आज तब मैं उस फिल्म के सीन्स देखती हूं तो डर जाती हूं। सिहर जाती हूं।”
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