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बचपन में इडली खाने के लिए बेचते थे फूल, धनुष की कहानी पर लोगों को नहीं हुआ भरोसा, कहा- झूठा

संक्षेप: धनुष का कहना है कि बचपन में उन्हें इडली इतनी पसंद थी कि रोजाना खाने को जी ललचाता था। वह अफोर्ड नहीं कर पाते थे तो सुबह 4 बजे उठकर फूल चुनते फिर उन्हें बेचकर 2 रुपये कमाते थे।

Mon, 15 Sep 2025 05:15 PMKajal Sharma लाइव हिन्दुस्तान
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बचपन में इडली खाने के लिए बेचते थे फूल, धनुष की कहानी पर लोगों को नहीं हुआ भरोसा, कहा- झूठा

साउथ एक्टर धनुष ने अपनी अपकमिंग फिल्म इडली कडई का नाम अपने बच्चों की यादों से प्रेरित होकर रखा है। यह बात उन्होंने मूवी के ऑडियो लॉन्च इवेंट में बताई। उन्होंने बताया कि वह छोटे थे तो इडली खरीदने के लिए फूल बेचने पड़ते थे क्योंकि पैसे नहीं थे। हालांकि धनुष की यह बात इंटरनेट पर कई लोगों को हजम नहीं हो रही क्योंकि धनुष एक डायरेक्टर के बेटे हैं।

पड़ोस से इकट्ठे करते थे फूल

धनुष ने इवेंट में बताया कि उन्हें इडली काफी पसंद है। बचपन में हमेशा इडली खाने को जी ललचाता रहता था लेकिन उनका परिवार अफोर्ड नहीं कर पाता था। वह बोलते हैं, 'जब मैं बच्चा था तो हर दिन इडली खाने का मन होता था, लेकिन अफोर्ड नहीं कर पाता था। इसलिए हमने पड़ोस से फूल इकट्ठे करने शुरू किए। हर दिन जितने फूल इकट्ठे करते, हर दिन उतना पैसा मिलता। मेरी बहन, चचेरे भाई-बहन और मैं 4 बजे इस काम के लिए उठ जाते और करीब दो घंटे लगते।'

2 रुपये की खरीदते थे इडली

धनुष ने बताया कि उन दिनों इडली खाने में जो संतुष्टि मिलती है वैसे अब कहां, जबकि अब वह अफोर्ड कर सकते हैं। धनुष बोले, 'हमें उस काम के 2 रुपये मिलते थे। इसके बाद हम पंप सेट पर जाकर नहाते, सिर्फ टॉवल पहनकर ही सड़क पर आ जाते। इतने पैसे में हमें 4 से 5 इडली मिल जातीं। अपनी मेहनत से कमाए पैसे से इडली खाने के उस संतोष की कोई बराबरी नहीं है। बचपन में जो खुशी और स्वाद मिलता था वो आज रेस्ट्रॉन्ट में नहीं मिलता।' धनुष ने बताया कि बचपन की इन यादों की वजह से ही अपनी फिल्म का नाम इडली कडई रखा है, जिसका मतलब हिंदी में इडली की दुकान है।

लोगों को नहीं हुआ भरोसा

धनुष की इन बातों पर इंटरनेट के कई लोगों को भरोसा नहीं हो रहा। X (ट्विटर) पर एक यूजर ने कमेंट किया है, 'बचपन में ये गरीब थे, तो कस्तूरी राजा ने बतौर डायरेक्टर कभी अपने परिवार को पैसे नहीं दिए, क्या ये सही है?' एक ने लिखा है, धनुष डायरेक्टर का बेटा है, इसके पास पैसे नहीं थे, साफ झूठ। एक और कमेंट है, जब आप 8-9 साल के थे तब आपके पिता 4-5 फिल्में डायरेक्ट कर चुके थे। आप कह रहे हैं कि इडली खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, बोलने के लिए कुछ भी मत बोलिए।

Kajal Sharma

लेखक के बारे में

Kajal Sharma
काजल शर्मा लाइव हिन्दुस्तान वेबसाइट में एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल टीम को लीड करती हैं। पत्रकारिता में करीब 15 वर्षों का अनुभव रखने वाली काजल ने प्रिंट और डिजिटल, दोनों ही माध्यमों में अपनी पहचान बनाई है। फिल्म, टीवी, फैशन और सेलिब्रिटी लाइफस्टाइल से जुड़े विषयों पर लेखन, कंटेंट प्लानिंग और एग्जिक्यूशन में उनकी गहरी पकड़ है। सोशल मीडिया ट्रेंड्स पर उनकी पैनी नजर रहती है, जिन्हें वह दिलचस्प अंदाज में खबरों के जरिए पाठकों तक पहुंचाती हैं। और पढ़ें

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