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Gadar Kissa: लाशों से भरी ट्रेन वाला सीन हो रहा था शूट, भीड़ ने क्रू पर कर दी थी पत्थरबाजी

  • साल 2001 में सनी देओल की फिल्म गदर रिलीज हुई थी। फिल्म जब रिलीज हुई तो सिनेमाघरों में भारी संख्या में लोग पहुंचने लगे। आज हम आपको इसी फिल्म से जुड़ा एक किस्सा सुना रहे हैं।

Harshita Pandey लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 Sep 2024 07:34 AM
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गदर: एक प्रेम कथा बॉलीवुड की सबसे सफल फिल्मों में से एक है। साल 2001 में रिलीज हुई इस फिल्म को दर्शकों से खूब प्यार मिला था। कहा जाता है सनी देओल की यह फिल्म जब रिलीज हुई तो लोग ट्रकों में सिनेमाघरों में पहुंचते थे। फिल्म को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग सिनेमाघरों के बाहर खड़े रहते थे। गदर में बहुत से ऐसे सीन थे जो आज भी दर्शकों के दिल में छपे हुए हैं। आज हम ऐसे ही एक सीन का किस्सा आपको बता रहे हैं। 

गदर फिल्म में एक सीन है जिसमें लाशों से भरी एक ट्रेन स्टेशन पर आती है। स्टेशन पर हर तरफ गम और डर का माहौल नजर आता है। जब ये सीन स्क्रीन पर आया था सिनेमाघरों में भी लोगों की आखें नम थी। आज हम आपको इसी सीन से जुड़ा किस्सा बता रहे हैं। 

म्यूजियम से ट्रेन उधार लेकर शूट हुआ सीन

फिल्म में स्टीम इंजन दिखाया गया है, लेकिन जब यह फिल्म शूट हो रही थी तब तक स्टीम इंजन चलना बंद हो गए थे। सीन को शूट करने के लिए दिल्ली के म्यूजियम से स्टीम इंजन उधार लिया गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि ट्रेन वाला सीन किसी सेट पर नहीं बल्कि असल रेलवे स्टेशन पर शूट हुआ था। 

सेट नहीं था फिल्म में दिखा रेलवे स्टेशन

यह सीन अमृतसर स्टेशन पर शूट हुआ था। पूरे स्टेशन को इस तरह बना दिया गया था कि देखने पर 40 के दशक की याद आए। स्टेशन पर लगे बैनर-पोस्टर हर चीज को बदल दिया गया था। सीन के लिए बड़ी संख्या में भीड़ चाहिए थी। इतने जूनियर आर्टिस्ट फिल्ममेकर्स के पास नहीं थे। भीड़ को इकट्ठा करने के लिए मेकर्स ने ऐलान कर दिया कि जो भी व्यक्ति कुर्ते पायजामे में होगा, सीन का हिस्सा बन सकेगा। इस ऐलान के बाद रातोंरात लोगों ने कुर्ते-पायजामे खरीदे और बड़ी संख्या पर सेट पर भीड़ इकट्ठा हो गई। 

पुलिस को करना पड़ा था लाठीचार्ज

मीडिया में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक,  पहले दिन जब शूट हुआ तो चीजें हाथ से निकल गईं। इतनी बड़ी भीड़ को संभाल पाना आसान नहीं था। नतीजा ये हुआ कि भीड़ बेकाबू हो गई और क्रू पर पत्थरबाजी तक हुई। हालात जब हाथ से निकलने लगे तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हालांकि, बाद में सीन को किसी तरह शूट किया गया। 

रिपोर्ट्स की मानें तो सीन जब शूट हुआ तो वहां मौजूद हर शख्स भावुक हो गया था। सभी की आंखों में नमी थी। कहा जाता है इस सीन का हिस्सा एक बूढ़े व्यक्ति भी थे जो सीन शूट होने के बाद भी कुर्सी पर बैठे अपना सिर पीट रहे थे। डायरेक्टर ने जब उन्हें बताया की सीन खत्म  हो गया तो वो शख्स अपनी जगह से उठे। उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने बताया कि 50 साल पहले उन्होंने ये मंजर असल में देखा था। वो उस वक्त 10 साल के थे। 

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