
अक्षय कुमार बोले फिल्मों की परफॉर्मेंस के हिसाब से बदलते लोगों के बिहेवियर, कहा- कमरों के साइज...
संक्षेप: अक्षय कुमार का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री में लोगों के बिहेवियर आपकी फिल्मों की परफॉर्मेंस के हिसाब से बदलते हैं। वहीं अगर फिल्में अच्छी चलती हैं तो बड़े कमरे मिलते हैं होटल के नहीं तो छोटे।
अक्षय कुमार को फिल्म इंडस्ट्री में 35 साल हो गए हैं। अक्षय ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दी हैं, लेकिन उनकी कुछ मूवीज फ्लॉप भी रही हैं। अब अक्षय ने बताया कि कैसे फिल्मों के हिसाब से एक्टर्स को कमरे दिए जाते हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कैसे फिल्मों के नहीं चलने पर उन्हें कैसा महसूस होता है और ऐसे में वह क्या करते हैं।

एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में अक्षय ने कहा, 'मैंने अपनी लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। मैंने 15-16 फिल्में लगातार फ्लॉप दी हैं और साथ में कई हिट भी तो लाइफ में ये सब कॉमन है। मैंने अब तक 150 फिल्मों में काम किया है।'
फिल्मों के नहीं चलने पर लगता है बुरा
अक्षय ने आगे कहा, 'मुझे शुक्रवार, शनिवार और रविवार को बुरा लगता है जब मेरी फिल्में नहीं चलती हैं। लेकिन सोमवार को मैं सब फ्रेश स्टार्ट करता हूं। मैं नई फिल्म की तैयारी शुरू करता हूं। आपको आगे बढ़ना होता है।'
मन करता है अकेले बैठूं
अक्षय ने फिर कहा कि जितना ज्यादा आप फिल्म में एफर्ट लगाते हैं, उतना ही मुश्किल होता है फेलियर एक्सेप्ट करना। वह बोले, 'आप 80 दिन देते हैं एक फिल्म को और फिर डब करते हो और इसके बाद उसे प्रमोट करते हो और जब फिल्म चलती नहीं है तो बुरा लगता है। मेरा मन करता है अकेले बैठूं और किसी से बात नहीं करूं। मेरी पत्नी इस फेज को समझती हैं तो वह मुझे सपोर्ट करती हैं और मेरे बच्चों को बोलती हैं कि पापा को अकेला छोड़ दो, वह कुछ दिन में ठीक हो जाएंगे।'
फिल्म हिट तो मिलते बड़े कमरे
अक्षय ने आगे फिल्म इंडस्ट्री के बिहेवियर को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे सिचुएशन के हिसाब से लोगों के बर्ताव बदल जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘आपके कमरों के साइज चेंज होते रहते हैं आपकी फिल्मों की परफॉर्मेंस के हिसाब से। अगर आपकी फिल्म हिट होती है तो आपको प्रेसिडेंशियल सुइट मिलता है या कभी वाइस प्रेसिडेंशियल सुइट। वहीं कभी रेगुलर रूम। मेरे साथ अभी ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन करियर के शुरुआत में ऐसा हुआ है।’
अक्षय ने आगे कहा, 'एक बार मैं 2 हीरो के साथ काम कर रहा था। मैं दूसरे एक्टर का नाम नहीं लूंगा, लेकिन क्योंकि उनकी पहली की फिल्म हिट थी तो उन्हें बड़ा कमरा मिला था, वहीं मुझे छोटा। मुझे अच्छे से याद है जब मैं उनके कमरे में गया तो मैं यही सोचता कि मुझे इतना बड़ा कमरा क्यों नहीं दिया। बाद में मुझे एहसास हुआ कि मेरी फिल्में चली नहीं। मैंने कभी इसको लेकर शिकायत नहीं कि ये सोचकर कि चलो कमरा तो मिल रहा है। मैं ऐसी जगह से आया हूं जहां 24 लोग एक कमरे में रहते थे। ये उस वक्त की बात है जब मैं चांदनी चौक रहता था।'

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