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बंगाल-असम में दूसरे चरण का मतदान आज, नंदीग्राम में ममता-शुभेंदु की किस्मत का होगा फैसला

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे हाईप्रोफाइल सीट नंदीग्राम में गुरुवार को मतदान होगा। मतदाता राज्य के दो दिग्गज नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा के शुभेंदु अधिकारी की किस्मत ईवीएम में बंद कर...

बंगाल-असम में दूसरे चरण का मतदान आज, नंदीग्राम में ममता-शुभेंदु की किस्मत का होगा फैसला
लाइव हिन्दुस्तान टीम,कोलकाता, गुवाहाटी।Thu, 01 Apr 2021 12:30 AM
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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे हाईप्रोफाइल सीट नंदीग्राम में गुरुवार को मतदान होगा। मतदाता राज्य के दो दिग्गज नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा के शुभेंदु अधिकारी की किस्मत ईवीएम में बंद कर देंगे। दरअसल, नंदीग्राम वो नाम है जो बंगाल चुनाव के केंद्र में है। हर किसी की नजर नंदीग्राम विधानसभा सीट पर है।

शुभेंदु अधिकारी जब भाजपा में शामिल हुए थे तब ममता ने इस सीट से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। वहीं, भाजपा नेता ने दीदी को 50 हजार वोटों से हराने का दावा किया है। यहीं नहीं दोनों दलों के दिग्गज नेताओं ने इस विधानसभा क्षेत्र में कई रैलियों को भी संबोधित किया है। टीएमसी के लिए यह सीट साख का सवाल है।

ईस्ट मेदिनीपुर जिले की ये सीट तामलुक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इस सीट पर टीएमसी से ममता बनर्जी, भाजपा से शुभेंदु अधिकारी और संयुक्त मोर्च की उम्मीदवार के रूप में सीपीएम की मीनाक्षी मुखर्जी चुनावी मैदान में हैं। 2016 के विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी यहां से टीएमसी के टिकट पर लड़े थे और उस वक्त ममता बनर्जी कोलकाता की भवानीपुर सीट से चुनाव जीती थीं। जबकि शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम सीट पर 67% वोट हासिल करते हुए एकतरफा जीत हासिल की थी। लेफ्ट प्रत्याशी को 27% वोट मिले थे, जबकि भाजपा को महज 5% वोट मिले थे।

नंदीग्राम में धारा 144 लागू
निर्वाचन आयोग (ईसी) ने नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी। अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा ईसी ने एक हेलीकॉप्टर की मदद से इलाके में निगरानी भी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए जो लोग नंदीग्राम के मतदाता नहीं हैं उन्हें क्षेत्र में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है। चुनाव अधिकारी ने बताया कि नंदीग्राम संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़े नहीं और लोग बिना किसी डर के मतदान कर सकें। अधिकारी ने बताया कि इस निर्वाचन क्षेत्र में केंद्रीय बलों की 22 टुकड़ियों को तैनात किया जा रहा है। इस क्षेत्र में कुल 355 मतदान केंद्र हैं और इनमें से 75 प्रतिशत केंद्रों पर वेबकास्ट की सुविधा है।

बंगाल की 30 और असम की 39 सीटों पर मतदान आज
पश्चिम बंगाल और असम में गुरुवार को दूसरे चरण के तहत मतदान डाले जाएंगे। पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण की 30 सीटों पर 19 महिलाओं सहित 171 उम्‍मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, असम में दूसरे चरण की 39 सीटों पर 26 महिलाओं सहित 345 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में हैं। बंगाल में जहां टीएमसी की सीधी लड़ाई भाजपा से है। तो असम में भाजपा को अपनी सरकार को बचाए रखने की चुनौती है। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

बंगाल में सबसे रोचक होगा दूसरा चरण
पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण का मुकाबला सबसे रोचक होगा। सत्‍तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा सभी 20 सीटों पर चुनाव मैदान में हैं। जबकि कांग्रेस, वामपंथी दल और उनका गठबंधन सहयोगी इंडियन सैक्‍यूलर फ्रंट संयुक्‍त मोर्चा के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। सीपीआईएम 15, कांग्रेस 9, बहुजन समाज पार्टी 7, सीपीआई 2 और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्‍लॉक और आरएसपी एक-एक सीट पर चुनाव लड रहे हैं, जबकि 32 निर्दलीय सहित 44 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इस चरण की ज्यादातर सीट नक्सल प्रभावित है। नंदीग्राम के अलावा भी कई सीटें ऐसी हैं जहां कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है

वीआईपी सीटें:

हल्दिया : ये सीट भी ईस्ट मेदिनीपुर जिले में तामलुक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ही आती है। 2016 में इस सीट से सीपीएम प्रत्याशी तापसी मंडल ने जीत दर्ज की थी। तापसी मंडल अब भाजपा में आ गई हैं। उनके सामने टीएमसी से स्वपन नस्कर और सीपीएम से मणिक कर पाईक हैं।

तामलुक : 2016 के विधानसभा चुनाव में तामलुक विधानसभा सीट पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर अशोक डिंडा ने सीपीआई के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इस बार सीपीआई ने गौतम पांडा को मैदान में उतारा है। उनके सामने टीएमसी से सौमेन कुमार महापात्रा और भाजपा के हरे कृष्णा बेरा हैं।

बांकुड़ा : इस सीट से तृणमूल कांग्रेस ने फिल्म अभिनेत्री सायंतिका बनर्जी को उतारा है। सायंतिका के सामने भाजपा के टिकट पर निलाद्री शेखर दाना और कांग्रेस से राधा रानी बनर्जी हैं। 2016 में ये सीट कांग्रेस ने जीती थी।

खड़गपुर सदर : ये सीट मेदिनीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष सांसद हैं। भाजपा ने इस सीट से बंगाली फिल्मों के अभिनेता हिरनमय चट्टोपाध्याय को उतारा है। हिरनमय पहले टीएमसी युवा के साथ थे।

देबरा सीट : पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमांयु कबीर को टीएमसी ने देबरा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष को टिकट दिया है। इस बार के चुनाव में देबरा सीट पर दो पूर्व आईपीएस अधिकारियों की दिलचस्प टक्कर देखने को मिलेगी।

असम में 39 में से 25 सीटों पर राजग और महागठबंधन में सीधा मुकाबला
असम में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 जिलों की 39 सीटों पर मतदान होगा। राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला है। कांग्रेस इस बार बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर चुनावी मैदान में है, जबकि भाजपा ने असम जातीय परिषद (एजेपी) के साथ गठबंधन किया है। इस चरण में 25 सीटों पर राजग और महागठबंधन में सीधा मुकाबला है जबकि बाकी सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है।

असम में इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर
भाजपा ने वर्तमान मंत्रियों परीमल सुकलावैद्य को ढोलाई, भावेश करलिता को रांगिया, पिजुष हजारिका को जागीरोड और विधानसभा उपाध्यक्ष अमिनुल हक लस्कर को सोनाई से मैदान में उतारा है। इनके अलावा दिगंत कालिता कमलापुर से, रमाकांत देवरी मोरीगांव से, जीतु गोस्वामी ब्रह्मपुर से, मिहिर कांती शोम उधारबोंड से, गौतम रॉय काटीगोड़ा से, नंदिता गारसोला हाफलांग से और जयंत मल्ला बरुआ नलबाड़ी से किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं, एजेपी के अजीज अहमद खान करीमजंग दक्षिण से चुनाव लड़ रहे हैं तो भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद पार्टी का साथ छोड़ने वाले विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष दिलीप कुमार पॉल सिलचर से निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं।

असम के प्रमुख चुनावी मुद्दे:

- असम के चुनाव में एनआरसी-सीएए प्रमुख मुद्दा है। भाजपा ने विकासवादी राजनीति का मुद्दा उठाया है, जबकि कांग्रेस गठबंधन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध पर चुनाव लड़ रहे हैं।
- सभी दलों मे सरकारी स्वामित्व वाली जमीन के भूमिहीनों को ज़मीन का पट्टा दिए जाने का मुद्दा उठाया है।
- मजदूरों की दिहाड़ी का मुद्दा भी असम चुनाव में प्रमुख है। सभी दलों ने प्रमुखता से चाय मजदूरों की दैनिक मजदूरी बढ़ाने का वादा किया है।
- असम चुनाव में महंगाई और रोजगार का मुद्दा भी हावी रहा है। कांग्रेस ने राज्य में बेरोजगारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।

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