कमलेश तिवारी मर्डर केस: कानपुर के मोबाइल स्टोर में फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे थे हत्यारे
हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में यूपी पुलिस दिन रात एक कर परत दर परत कई खुलासे करते जा रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने हत्या से जुड़ी कई और बातों का खुलासा किया। हत्यारोपित व ढाई लाख...
हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में यूपी पुलिस दिन रात एक कर परत दर परत कई खुलासे करते जा रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने हत्या से जुड़ी कई और बातों का खुलासा किया। हत्यारोपित व ढाई लाख के इनामी शॉर्प शूटर उद्योगकर्मी एक्सप्रेस से ही कानपुर आए थे। वे सूरत के उधना रेलवे स्टेशन से एबी वन कोच के सेकेंड एसी के हिस्से में सीट नंबर 19 और 21 पर सवार हुए थे। एसटीएफ को रेलवे के रिजर्वेशन चार्ट से यह जानकारी मिली है। इसके साथ ही उनके साथ मोबाइल की दुकान तक गए दो अन्य लोग आम यात्री थे, जिनसे हत्यारोपितों ने मदद मांगी थी। एसटीएफ के अनुसार, दो शूटरों शेख अशफाक और पठान मोइनुद्दीन ने असली नामों से रिजर्वेशन कराया था। सीट नंबर 19 शेख अशफाक (34) और सीट नंबर 21 पठान मोइनुद्दीन (21) के नाम पर उधना से कानपुर तक बुक थी। सीट नंबर 18 पर सुरेश बोगड़े और सीट नंबर 20 पर बालेन्द्र सिंह सफर कर रहे थे। एसटीएफ ने इन दोनों यात्रियों से पूछताछ की तो उन्होंने शूटरों के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया।
एसटीएफ ने जब्त किया रजिस्टर
एसटीएफ ने सोमवार को एक बार फिर रेलबाजार के कान्हा टेलीकॉम जाकर स्टोर संचालिका से पूछताछ की। स्टोर के रजिस्टर में शेख अशफाक का नाम दर्ज है। उसे जब्त कर लिया। एसटीएफ ने बताया कि कान्हा टेलीकॉम से हत्यारोपितों ने सिम ही नहीं 820 रुपए में जियो का मोबाइल भी लिया था। करवा चौथ की रात जब वे पहुंचे तो स्टोर बंद हो रहा था। काफी जरूरत बताकर उन्होंने मोबाइल और सिम देने की गुहार लगाई तब स्टोर संचालिका ने उन्हें दोनों चीजें दी थीं।
साथ गए दो अन्य लोग सामान्य यात्री
एसटीएफ के अनुसार, अशफाक और मोइनुद्दीन ने कानपुर आते वक्त ट्रेन में मोबाइल खोने का ड्रामा किया। इस दौरान उसी कोच में सफर कर रहे गुजरात में नौकरी करने वाले कानपुर देहात में रूरा क्षेत्र के एक युवक और उसके दोस्त से दोस्ती गांठ ली। उनका मोबाइल लेकर कई बार बातचीत की। कानपुर पहुंचने पर नया मोबाइल खरीदवाने में मदद मांगी। यही लोग दोनों शूटरों के साथ कान्हा टेलीकॉम तक गए थे। वहां से लौटकर ये दोनों कानपुर देहात चले गए थे।
मददगार के मोबाइल पर मंगाया ओटीपी
कानपुर देहात के युवकों को भी कान्हा टेलीकॉम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वे तो ट्रेन में नए बने दोस्तों को लेकर ढूंढते हुए स्टोर तक पहुंचे थे। वहां जीओ का मोबाइल चालू करने के लिए एक बार फिर कानपुर देहात के युवक के मोबाइल का उपयोग किया गया। उसी पर ओटीपी मंगाकर शूटरों का मोबाइल स्टोर संचालिका ने चालू किया था। फिलहाल लखनऊ में एसटीएफ कानपुर देहात के पूछताछ कर रही है, क्योंकि ट्रेन ही नहीं नया मोबाइल मिलने के बाद भी शूटरों ने उसी के मोबाइल से बात की थी।
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एटीएम के कैमरे समेत कई जगह कैद हुए हत्यारे
कानपुर सेंट्रल स्टेशन जाकर एसटीएफ ने फिर से सीसीटीवी फुटेज खंगाले। कई अन्य स्थानों के फुटे भी देखे गए। दोनों शूटर रेलवे स्टेशन से कान्हा टेलीकॉम और टाटमिल जाने तक कई जगह सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए हैं। कान्हा टेलीकॉम के बगल में स्थित एसबीआई के एटीएम के बाहर लगे कैमरे की फुटेज में दोनों नजर आ रहे हैं। इसी तरह से कुछ होटलों के कैमरे में भी वे कैद हैं। स्टोर संचालिका को फुटेज दिखाई गई तो उसने और उसकी सहयोगी ने दोनों की पहचान भी की। इससे एसटीएफ मान रही है कि मोबाइल लेने के बाद दोनों टाटमिल की ओर ही गए थे। लखनऊ से आई एसटीएफ की टीम सभी जगह के सीसीटीवी फुटेज लेकर लौटी है।
अंग्रेजी में बातचीत कर रहे थे शूटर
एसटीएफ को स्टोर संचालिका ने बताया कि दोनों शूटर काफी अच्छी अंग्रेजी बोल रहे थे। वे पढ़े-लिखे और मृदुभाषी नजर आ रहे थे। मोबाइल दिलाकर कानपुर देहात का युवक अपनी आगे की ट्रेन पकड़ने के लिए वापस स्टेशन जा रहा था तब भी शूटर उससे अंग्रेजी में बात कर रहे थे। स्टोर संचालिका से भी अंग्रेजी में ही बातचीत की थी। आपस में अंग्रेजी में बात कर एक-दूसरे को बार-बार प्रोत्साहित कर रहे थे।