हत्या के जुर्म से बचने के लिए आरोपी ने चली थी ये चाल
सात साल के बच्चे की गुमशुदगी के मामले में शक की सूई को खुद से अलग करने के लिए आरोपी युवक अवधेश साक्य (27) ने बेहद शातिराना तरीके से पूरा प्लान बनाया था। पुलिस ने आरोपी युवक अवधेश को...
सात साल के बच्चे की गुमशुदगी के मामले में शक की सूई को खुद से अलग करने के लिए आरोपी युवक अवधेश साक्य (27) ने बेहद शातिराना तरीके से पूरा प्लान बनाया था।
पुलिस ने आरोपी युवक अवधेश को उत्तरी दिल्ली के नत्थूपुरा के उसके घर से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया था। उस पर आरोप है कि उसने ही बच्चे आशीष सैनी की हत्या कर उसकी लाश 37 दिन तक अपने बेड बॉक्स में छिपाकर रखी थी।
उत्तर-पश्चिम जिले के डीसीपी असलम खान ने बताया कि जांच के पता चला है कि अवधेश बच्चे के माता-पिता से नफरत करता था और वह उनसे फिरौती भी मांगना चाहता था। वह फिरौती के पैसों से एक एसयूवी गाड़ी खरीदना चाहता था।
पुलिस को शक है कि इस घटना के पीछे पीड़ित परिवार की महिलाओं से आरोपी के संबंध हो सकते हैं, जो कि बच्चे की हत्या की हत्या का कारण बन सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के इटावा का रहने वाला अवधेश साक्य ने फिजिक्स में एमएससी की है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने तीन बार सिविल सर्विस परीक्षा दी है और दो बार प्रीलिम्स भी पास किया है। वहीं आशीष का परिवार काफी समय से नत्थूपुरा में रहता है। अवधेश ने इस परिवार को बताया था कि वह सीबीआई में वरिष्ठ अधिकारी है। वहीं कभी वो कहता कि वह इंटेलिजेंस ब्यूरो में है तो कभी खुद को इनकम टैक्स विभाग में कार्यरत बताता था।
जनवरी में उसने बताया था कि अब वह सीबीआई ऑफिसर बन गया है और 12 फरवरी को ज्वॉइन करेगा. उसने बताया था कि उसे बंगला, कार और बंदूक मिल गई है। आशीष के पिता करण सैनी ने बताया कि अवधेश फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता था और हर समय आत्मविश्वास से भरा दिखाई देता था, इसलिए हमें कभी उस पर शक नहीं हुआ।
उन्होंने बताया कि बच्चे के लापता होने के बाद आरोपी ने उसी दिन उसकी गुमशुदगी का केस दर्ज कराने में उनकी मदद की थी। उसने उन्हें भरोसा दिलाया था कि सीबीआई में उसकी काफी पहुंच है और वह इस केस को सीबीआई और स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच को भी ट्रांसफर करवा देगा।
इस घटना के एक महीने तक वह पीड़ित परिवार के साथ ही रहा और उनके खाना खाता रहा। इतना ही नहीं वह समय-समय पर उन्हें बच्चे को ढूंढने की नई-नई सलाह भी देता था। जब भी बच्चे के पिता केस से जुड़े जांच अधिकारी या डीसीपी से मिलने जाते तो वह भी उनके साथ ही जाता था।
करण सैनी ने बताया कि एक दिन अवधेश उनके पास आया एक खाली शराब की बोतल, कुछ स्नेक्स के पैकेट और एक रुमाल दिखाते हुए बोला कि ये सामान उसे नाले के पास मिला है, जोकि अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किया गया हो सकता है। उसने यह भी कहा कि वह उसे हाथ न लगाएं क्योंकि उस पर उनके फिंगरप्रिंट्स आ सकते हैं। इसके बाद एक दिन उसने कहा कि जहांगीरपुरी और भलस्वा में अपहरणकर्ताओं के मोबाइल फोन सिग्नल्स भी मिले हैं। उसकी इस मदद के लिए हम बार-बार उसका शुक्रिया भी अदा कर रहे थे।
जबकि, पुलिस भी बार-बार इलाके में बच्चे की तलाश के लिए सर्च कर रही थी। वहां के निवासियों ने बताया कि इस दौरान पुलिस ने उनके बेड बॉक्स, अलमारी, संदूक और पानी की टंकियों को भी चेक किया, लेकिन आरोपी अवधेश पुलिस को अपने किराये के घर से दूर रखने में कामयाब रहा। जब एक दिन करण सैनी ने उसके कमरे से अजीब सी दुर्गंध आने की बात कही तो अवधेश ने इसे टालते हुए कहा कि कोई चूहा मर गया है यह उसी की बदबू है।
उस बदबू को खत्म करने के लिए वह तुरंत चूहे मारने की दवा और रूम फ्रेशनर खरीदकर ले आया और कमरे में छिड़क दिया।