फोटो गैलरी

Hindi News क्रिकेटअपने फर्स्ट क्लास डेब्यू मैच में ही इस बल्लेबाज ने तोड़ दिया 24 साल पुराना विश्व रिकॉर्ड

अपने फर्स्ट क्लास डेब्यू मैच में ही इस बल्लेबाज ने तोड़ दिया 24 साल पुराना विश्व रिकॉर्ड

अपने पदार्पण मैच में 267 रन की लाजवाब पारी खेलकर प्रथम श्रेणी मैचों में नया विश्व रिकार्ड बनाने वाले मध्यप्रदेश के विकेटकीपर-बल्लेबाज अजय रोहेरा का फिलहाल खुशी का ठिकाना नहीं है। लेकिन वह अपने इस...

अपने फर्स्ट क्लास डेब्यू मैच में ही इस बल्लेबाज ने तोड़ दिया 24 साल पुराना विश्व रिकॉर्ड
भाषा।,इंदौर। Sun, 09 Dec 2018 08:00 PM
ऐप पर पढ़ें

अपने पदार्पण मैच में 267 रन की लाजवाब पारी खेलकर प्रथम श्रेणी मैचों में नया विश्व रिकार्ड बनाने वाले मध्यप्रदेश के विकेटकीपर-बल्लेबाज अजय रोहेरा का फिलहाल खुशी का ठिकाना नहीं है। लेकिन वह अपने इस कीर्तिमान को भूलकर आगामी मैचों पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानने वाले रोहेरा ने भाषा से इंटरव्यू में कहा, 'मैं आने वाले मैचों में एकदम नई शुरूआत करूंगा। मेरा विश्व रिकॉर्ड तो अब इतिहास की बात हो गई। मैं इस रिकॉर्ड को जितना जल्दी भूलूंगा, उतने ज्यादा रन बना पाऊंगा। बतौर खिलाड़ी मैं चीजों को आसान रखना चाहता हूं। अगर मैं आने वाले मुकाबलों में हड़बड़ी दिखाऊंगा, तो चीजें मेरे लिए दिनों-दिन मुश्किल होती चली जाएंगी।'
         
अजय रोहरा ने तोड़ा 24 साल पुराना विश्व रिकॉर्ड
अजय रोहेरा ने मध्यप्रदेश की तरफ से हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप बी मैच में नाबाद 267 रन बनाए और इस तरह अमोल मजूमदार का रिकॉर्ड तोड़ा। जिन्होंने फरवरी 1994 में मुंबई की तरफ से हरियाणा के खिलाफ फरीदाबाद में अपने पदार्पण मैच में 260 रन बनाए थे। मध्यप्रदेश ने इस मैच में आंध्रप्रदेश को पारी और 253 रन से हराया। होलकर स्टेडियम में विश्व रिकॉर्ड का पीछा करते वक्त मन में क्या चल रहा था? इस प्रश्न पर रोहेरा ने कहा, 'तब मैं केवल अपना स्वाभाविक खेल खेलने पर ध्यान दे रहा था। मैं कुछ अलग करने के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोच रहा था। क्रिकेट की दुनिया में सचिन तेंदुलकर मेरे सर्वकालिक आदर्श हैं। उनसे मुझे हमेशा प्रेरणा मिलती है।'

गौतम गंभीर को आज भी खलता है MS DHONI का टीम से उनको बाहर कर देना 

गली क्रिकेट से मध्य प्रदेश रणजी टीम में पहुंचे        
इंदौर के नजदीकी कस्बे देवास से ताल्लुक रखने वाले युवा क्रिकेटर के पिता राजकुमार रोहेरा आईसक्रीम बनाने की इकाई चलाते हैं, जबकि उनकी माता प्रिया रोहेरा गृहिणी हैं। आम युवाओं की तरह रोहेरा ने भी 'गली क्रिकेट' से शुरूआत की और कदम-दर-कदम आगे बढ़ते हुए इस बार मध्यप्रदेश रणजी टीम के अंतिम एकादश में जगह बनाई। यह काबिले-गौर करने वाली बात है कि मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ ने इस रणजी मुकाबले से महज तीन दिन पहले अंकित दाणे की जगह रोहेरा को टीम में शामिल किया था। तब रोहेरा कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी अंडर 23 क्रिकेट स्पर्धा में मध्यप्रदेश की टीम की अगुवाई कर रहे थे और उन्हें इस स्पर्धा में अच्छे प्रदर्शन के चलते रणजी टीम में जगह दी गई थी। इस सुनहरे मौके को भुनाते हुए रोहेरा न केवल चयनकर्ताओं के भरोसे पर खरे उतरे, बल्कि उन्होंने अपने बल्ले से इतिहास भी रच दिया। 

मध्य प्रदेश को रणजी चैम्पियन बनाना है सपना        
अजय रोहेरा ने कहा, 'मेरा सपना है कि मैं आगे भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए मध्यप्रदेश को रणजी ट्रॉफी विजेता का पहला खिताब दिलवाने में भूमिका निभाऊं।' भारतीय राज्य के रूप में एक नवंबर 1956 को आधिकारिक वजूद में आने के बाद मध्यप्रदेश ने एक बार भी रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट नहीं जीता है। वर्ष 1998-1999 के रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में कर्नाटक से हारकर मध्यप्रदेश इस प्रतियोगिता का उपविजेता रहा था। यह इस प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट में मध्यप्रदेश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

अपने आखिरी मैच में गौतम गंभीर ने ठोका शतक, कहा- दुश्मन बनाए पर चैन से सोया

सभी खेलों से जुड़े समाचार पढ़ें सबसे पहले Live Hindustan पर। अपने मोबाइल पर Live Hindustan पढ़ने के लिए डाउनलोड करें हमारा न्यूज एप। और देश-दुनिया की हर खबर से रहें अपडेट।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें