कप्तानी छोड़ने वाले को उपकप्तानी देने का क्या तुक बनता है, आखिरकार चयनकर्ता चाहते क्या हैं?
बीसीसीआई ने इसी महीने के आखिर में वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया है, जिसमें टीम के कप्तान शिखर धवन होंगे और उकप्तानी रविंद्र जडेजा को दी गई है।
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वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए बुधवार 6 जुलाई को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने टीम इंडिया का ऐलान कर दिया है। इस सीरीज के लिए टीम इंडिया के कप्तान शिखर धवन होंगे, क्योंकि नियमित कप्तान रोहित शर्मा को आराम दिया गया है, जो 17 जुलाई को इंग्लैंड दौरे से फ्री होंगे। वहीं, कैरेबियाई दौरा भारतीय टीम का 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। ऐसे में सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया जाना सही विकल्प है, लेकिन हैरान करने वाली बात ये रही कि इस सीरीज के लिए उपकप्तान रविंद्र जडेजा होंगे।
रविंद्र जडेजा के उपकप्तान बनाए जाने से शायद ही किसी को समस्या होगी, लेकिन एक बात आपके लिए ये जानना जरूरी है कि IPL 2022 से पहले एमएस धोनी ने रविंद्र जडेजा को चेन्नई सुपर किंग्स यानी सीएसके की कप्तानी हैंडओवर की थी, लेकिन 8 मैचों में 6 हार झेलने के बाद जडेजा ने ये कहकर कप्तानी छोड़ दी थी कि वे अपने खेल पर फोकस करना चाहते हैं। ये बयान सीएसके के अधिकारियों की तरफ से आया था। ऐसे में क्या अब उन पर उपकप्तानी का दबाव नहीं होगा? अगर धवन किसी वजह से चोटिल होते हैं तो जडेजा ही टीम इंडिया के कप्तान होंगे?
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जडेजा को उपकप्तानी सौंपी गई है तो क्या उनसे पूछा गया कि वे इस जिम्मेदारी को अपने कंधों पर लेना चाहते हैं या नहीं? ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है। यहां एक बात जरूर तय है कि या तो चेन्नई सुपर किंग्स ने रविंद्र जडेजा के बारे में झूठ बोला है या फिर भारतीय टीम के चयनकर्ता जिसे चाहें उसे कप्तानी और उपकप्तानी सौंपे जा रहे हैं। जो खिलाड़ी खेल पर ध्यान देने के लिए कप्तानी छोड़ चुका है, उसे उपकप्तान बनान की जरूरत क्या थी? इस दौरे पर टीम के साथ श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी भी हैं, जो कम से कम उपकप्तानी की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।