भारत ने हाल में ऑस्ट्रेलिया में खत्म हुई बॉर्डर-गावस्कर सीरीज 2-1 से अपने नाम की। सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर खेला गया था, जिसे भारत ने जीतकर सीरीज पर कब्जा जमाया। ब्रिसबेन टेस्ट में आर अश्विन के चोटिल होने के चलते वॉशिंगटन सुंदर को डेब्यू करने का मौका मिला था। टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया से स्वदेश लौट चुकी है। कोच रवि शास्त्री की ड्रेसिंग रूम में दी गई दृढ़ता और प्रतिबद्धता की सीख ने युवा वॉशिंगटन सुंदर के लिए टॉनिक का काम किया, जो किसी भी तरह की चुनौती के लिए तैयार हैं, जिसमें टेस्ट मैचों में भारत के लिए पारी का आगाज करना भी शामिल है।
21 वर्षीय वॉशिंगटन भारत अंडर-19 के दिनों में टॉप ऑर्डर के स्पेशलिस्ट बल्लेबाज थे, लेकिन उन्होंने अपनी ऑफ स्पिन को निखारा और भारतीय टी20 टीम में जगह बनाई। ब्रिसबेन में भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाने वाले वॉशिंगटन ने कहा, 'अगर मुझे कभी भारत की तरफ से टेस्ट मैचों में पारी का आगाज करने का मौका मिलता है तो यह मेरे लिए वरदान होगा। मुझे लगता है कि मैं उसी तरह इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करूंगा जैसे हमारे कोच रवि सर ने अपने खेल के दिनों में किया था।'
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'टेस्ट में पारी का आगाज करना चाहता हूं'
वॉशिंगटन ने गाबा में पहली पारी में 62 रन बनाकर भारत को मैच में बनाए रखा और फिर दूसरी पारी में 22 रन की तेजतर्रार पारी खेली जिसमें पैट कमिन्स पर लगाया गया छक्का भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने चार विकेट भी लिए। उन्होंने कहा, 'रवि सर ने हमें खेल के अपने दिनों की प्रेरणादायी बातें बताईं। जैसे कि कैसे उन्होंने स्पेशलिस्ट स्पिनर के तौर पर डेब्यू किया और चार विकेट लिए और न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मैच में दसवें नंबर पर बल्लेबाजी की।' वॉशिंगटन ने कहा, 'और वहां से वह कैसे टेस्ट सलामी बल्लेबाज बने और उन्होंने कैसे अपने जमाने के सभी टॉप तेज गेंदबाजों का सामना किया। मैं भी उनकी तरह टेस्ट मैचों में पारी की शुरुआत करना पसंद करूंगा।'
'बाहर से प्रेरणा लेने की जरूरत नहीं'
उनका मानना है कि टेस्ट टीम में आए किसी युवा खिलाड़ी के लिए किसी बाहरी खिलाड़ी से प्रेरणा लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय ड्रेसिंग रूम में ही कई आदर्श खिलाड़ी हैं। वॉशिंगटन ने कहा, 'एक युवा होने के नाते जब मैं किसी से प्रेरणा लेना चाहता हूं तो मुझे अपने ड्रेसिंग रूम में ही इतने अधिक आदर्श खिलाड़ी मिल जाते हैं। विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, आर अश्विन जैसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी वहां हैं। ये खिलाड़ी हमेशा आपकी मदद के लिए तैयार रहते हैं।' वॉशिंगटन को लिमिटेड ओवर की सीरीज खत्म होने के बाद नेट गेंदबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया में रहने के लिए कहा गया। इससे उन्हें लाल गेंद से नेट पर काफी गेंदबाजी करने को मिली।
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बहन शैलजा से क्रिकेट को लेकर बात करते हैं वॉशिंगटन
भारत की तरफ से एक टेस्ट के अलावा 26 टी20 और एक वनडे खेलने वाले वॉशिंगटन ने कहा, 'इससे निश्चित तौर पर मुझे मदद मिली क्योंकि मुझे टेस्ट मैचों के लिये टीम में बने रहने के लिए कहा गया था। लेकिन वह हमारे गेंदबाजी कोच भरत अरुण सर सहित सभी कोचों की रणनीति थी जिससे मदद मिली।' उन्होंने कहा, 'ब्रिसबेन में पहले दिन पिच से मदद नहीं मिल रही थी, लेकिन पहले टेस्ट विकेट के तौर पर स्टीव स्मिथ का विकेट लेना सपना सच होने जैसा था।' वॉशिंगटन की बड़ी बहन शैलजा भी पेशेवर क्रिकेटर हैं और ये भाई-बहन कभी-कभार अपनी बातें एक दूसरे से साझा भी करते हैं। वॉशिंगटन ने कहा, 'अगर उसे (शैलजा) लगता है कि मुझे यह बात बतानी जरूरी है तो वह ऐसा करती है। उसके सुझाव हमेशा उपयोगी साबित होते हैं। लेकिन अमूमन घर में हम क्रिकेट पर चर्चा नहीं करते हैं।'