जानिए क्यों कपिल देव ने की डालमिया से विराट कोहली की तुलना
भारत की पहली वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के कप्तान कपिल देव ने मंगलवार को मौजूदा भारतीय कप्तान विराट को
डालमिया की तरह ही कोहली भी हीरो
भारत की पहली वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के कप्तान कपिल देव ने मंगलवार को मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली की तुलना पूर्व बोर्ड अध्यक्ष जगमोहन डालमिया से की। कपिल की नजर में जैसे डालमिया मैदान के बाहर हीरो थे, वैसे ही विराट मैदान के अंदर हीरो हैं।
कपिल ने कहा, 'हम आपकी (कोहली) तरफ देखते हैं। आप हीरो हैं ठीक वैसे ही जैसे (मैदान से बाहर) डालमिया थे। आप चीजें बदल सकते हो और आपने फिटनेस के मामले में ऐसा किया जिस पर हम सभी को गर्व है।' उन्होंने कहा, 'प्रत्येक कप्तान कुछ नया करता और आप फिटनेस को नए स्तर पर ले गए हो। हम क्रिकेटर होने के नाते कह सकते हैं कि आप अच्छा काम करते रहो। आपके पास खुद पर भरोसा करने की योग्यता है। आप सर्वश्रेष्ठ हासिल कर सकते हो।'
कपिल देव पहले जगमोहन डालमिया वार्षिक सम्मेलन में श्रीलंका क्रिकेट के अध्यक्ष तिलंगा सुमतिपाला के साथ लेक्चर दे रहे थे। इस दौरान भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भी हिस्सा लिया। कपिल ने कहा, 'हमारे पास दो तरह के हीरो हैं। एक मैदान के अंदर और दूसरे मैदान के बाहर। अगर आज क्रिकेटर सुखी हैं तो यह डालमिया के कारण संभव हो पाया। उनके बिना हमें संघर्ष करना पड़ता।'
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डालमिया ने बदली क्रिकेटरों की जिंदगी
कपिल ने पिछले 50 सालों में डालिमया को बेस्ट क्रिकेट प्रशासक करार देते हुए कहा, 'पहले हम कहा करते थे कि क्या हमें ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसी सैलरी मिलेगी। अब यह सब कुछ बदल गया है और वे कह रहे हैं कि क्या हमें भारत जैसी सैलरी मिल सकती है। यह बदलाव डालमिया के कारण आया।'
डालमिया ने 1987 और 1996 वर्ल्ड कप की मेजबानी भारतीय उपमहाद्वीप को दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उनका 20 सितंबर 2015 को निधन हो गया था। डालमिया 1979 में बीसीसीआई से जुड़े और उन्होंने इसे दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कपिल ने कहा कि इस पूर्व अध्यक्ष को बहुत जल्द समझ में आ गया था कि एक क्रिकेटर का करियर आठ से दस साल तक ही होता है।
आगे कि स्लाइड में जानें कपिल ने क्रिकेट के छोटे करियर को लेकर क्या कुछ कहा...
हर कोई तेंदुलकर की तरह...
उन्होंने कहा, 'आपके पास पैसा होना जरूरी है और डालमिया इसे समझते थे। सचिन तेंदुलकर की तरह हर किसी को 15 से 20 साल तक खेलने का मौका नहीं मिलता और आप आठ से दस साल तक अपने चरम पर रहते हो। उन्होंने सुनिश्चित किया कि इस करियर के दौरान आपकी जिंदगी बन जाएगी। इसका श्रेय मेरे नायक को जाता है।'
कपिल ने कहा, 'वो कुशल वक्ता नहीं थे लेकिन सभी को साथ लाने में उनकी भूमिका अहम रही। वो सच्चे लीडर थे। वो हमारे देश के प्रत्येक क्रिकेटर के लिए हीरो हैं। हम आज जो कुछ हैं वो इस व्यक्ति की वजह से हैं।' सुमतिपाला ने उस समय डालमिया के समर्थन को याद किया जब 1995 में मुथैया मुरलीधरन पर चकिंग का आरोप लगा था। उन्होंने कहा, 'वो लीडरशिप क्वालिटी के साथ पैदा हुए थे और सभी पक्षों की बात सुनकर समझौता कराने में माहिर थे। वो सभी के हितों को ध्यान में रखकर विवाद का निबटारा करवाते थे। वर्ल्ड कप जीतने के बाद उन्होंने मुरलीधरन के संदिग्ध एक्शन को लेकर हमारी मदद की थी।'