विराट कोहली ने बताया कैसे बने वो 'चेज़ मास्टर', खुद पर कभी नहीं किया शक
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि मैच के दौरान उन्होंने अपनी काबिलियत पर शक नहीं किया। उन्होंने साथ ही बताया कि वह बचपन में यह सोच कर सोते थे कि जो मैच भारत जीत नहीं पाया वो कैसे उस मैच...

भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि मैच के दौरान उन्होंने अपनी काबिलियत पर शक नहीं किया। उन्होंने साथ ही बताया कि वह बचपन में यह सोच कर सोते थे कि जो मैच भारत जीत नहीं पाया वो कैसे उस मैच में भारत को जीत दिला सकते थे। विराट को 'चेज़ मास्टर' कहा जाता है। बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट अपने दम पर कई बार टीम इंडिया को जीत दिला चुके हैं। विराट ने बताया कैसे उन्होंने इसमें महारथ हासिल की।
कोहली ने बांग्लादेश के बल्लेबाज तमीम इकबाल के साथ फेसबुक लाइव पर कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी अपने आप पर शक नहीं किया। हर इंसान में कमजोर और ताकतवर पहलू होते हैं। दौरे पर जब आपका नेट सेशन अच्छा न रहा हो तो आप सोचते हो कि आप लय में नहीं हो।' उन्होंने कहा, 'हां, शक होता है और यह आपके दिमाग में चलता रहता है। इससे निकलने का रास्ता सिर्फ यही है कि आप तब तक लगातार मेहनत करते रहो जब तक आपको यह न लगने लगे कि यह सिर्फ एक रुकावट थी। अगर मुझे लगता है कि मैं अच्छा हूं तो हूं।'
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'मैं यही सोचते हुए सो जाता था कि मैं वो मैच जिता सकता था'
31 साल के इस खिलाड़ी ने कहा, 'मैच में जो स्थिति होती है उसकी सबसे अच्छी बात यह है कि आपको ज्यादा सोचना नहीं होता। आप अपना रोल जानते हुए इस पर रिऐक्ट करते हो। नेगेटिव आवाजें हमेशा मैदान के बाहर आती हैं जब आप लड़ने वाली स्थिति में नहीं होते हो।' कोहली ने बताया कि जब वो भारत के मैच देखा करते थे तब उन्हें लगता था कि वो रनों के लक्ष्य का पीछा कर सकते हैं। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो, मैं जब छोटा था, मैं भारत के मैच देखता था और उनकी हार देखता था। मैं यह सोचते हुए सोता था कि मैं यह मैच जीत सकता था। अगर मैं 380 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहा हूं तो मैंने कभी नहीं सोचा कि हम इसे हासिल नहीं कर सकते।'
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जब रैना के साथ ODI मैच टी20 की तरह खेले थे विराट
कोहली ने इस तरह के एक मैच का जिक्र किया जो उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ खेला था और भारत को जितवाया था। यही मैच था जिसने कोहली की छवि को एक तरह से बदल कर रख दिया था। कोहली ने कहा, '2011 में होबार्ट में हमें क्वालीफाई करने के लिए 40 ओवरों में 300+ रन बनाने थे। ब्रेक पर मैंने सुरेश रैना से कहा हम इसे टी20 मैच की तरह खेलेंगे। 40 ओवर लंबा समय है। पहले 20 खेलते हैं और देखते हैं कि कितने रन बनते हैं और फिर अगला टी20 खेलेंगे।'
