पैट कमिंस की गेंद ने विराट कोहली के बल्ले का अंदरूनी किनारा लिया और कैमरन ग्रीन ने शानदार कैच पकड़ते हुए टीम इंडिया के कप्तान की साल 2020 की आखिरी पारी का अंत कर दिया। टीम को इस मुश्किल परिस्थिति से निकाल नहीं पाने की मायूसी कोहली के चेहरे पर साफ दिख रही थी। पिछले दो सालों में तीनों फॉर्मेट को मिलाकर 18 शतक लगाने वाले विराट कोहली को साल 2020 में एक भी शतक ना लगा पाने की मलाल मन में था। इंटरनेशल क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद यह पहला ऐसा साल रहा, जब विराट के बल्ले से एक भी शतकीय पारी नहीं देखने को मिली। 2009 में ईडन गार्डेन के मैदान पर शुरू हुआ वह शतकों का सफर लगातार 11 साल तक चला, हर साल कोहली ने अपने शतकों के खाते में इजाफा किया, लेकिन साल 2020 में कोरोना वायरस नाम की महामारी ने लाखों जिंदगियों के साथ-साथ विराट के इस खास रिकॉर्ड पर भी ब्रेक लगा दिया।
कोरोना वायरस के चलते इस साल पूरे विश्व में काफी कम क्रिकेट खेला गया और खेल के नियमों में भी काफी बदलाव किए गए। विराट कोहली ने साल 2020 में भारत के लिए 9 वनडे, 3 टेस्ट और 10 टी20 मैच खेले और टीम इंडिया का यह स्टार बल्लेबाज कई बार शतक के बेहद करीब भी पहुंचा, लेकिन अपने 11 साल के रिकॉर्ड को बरकरार रखने से हर बार चूक गया। कोहली इस साल दो बार 89 रनों के स्कोर तक पहुंचे, लेकिन दोनों ही बार ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने विराट को पवेलियन भेज दिया। एडिलेड टेस्ट मैच की पहली पारी में जब भारतीय कप्तान शानदार लय में बल्लेबाजी कर रहे थे, तो हर किसी को बस यही लग रहा था कि साल का शतक का सूखा आज खत्म हो जाएगा, लेकिन अजिंक्य रहाणे की गलत कॉल के चलते विराट 74 रनों पर रनआउट हो गए।
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50 रनों का आंकड़ा पार करने के बाद पल झपकते अपनी पारी को शतक में तब्दील करने वाले विराट ने इस साल बल्ले से वैसी चमक भी नहीं बिखेरी, जिसके लिए दुनिया उनकी दीवानी है। कोहली ने साल 2020 में तीन टेस्ट मैचों की 6 पारियों में 19.33 के औसत से महज 116 रन बनाए, इस दौरान उनके बल्ले से सिर्फ एक अर्धशतक निकला। टीम इंडिया के कप्तान ने साल 2020 में 10 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 47.88 के औसत से 431 रन बनाए, इस दौरान उन्होंने 4 फिफ्टी लगाई। 10 टी20 मैचों में कोहली ने 295 रन जरूर बनाए, लेकिन इस बीच उन्होंने सिर्फ एक हाफसेंचुरी जड़ी। भले ही दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने साल 2020 में कम मैच खेले हों, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि अपनी पारी को तब्दील करने के मामले में कोहली साल 2020 में उतने सफल नहीं रहे हैं। साल 2016 में विराट ने 10 एकदिवसीय मैच खेले थे, यानी इस साल से महज एक वनडे मैच ज्यादा, पर उस समय स्टार बल्लेबाज ने 3 सेंचुरी लगाई थीं।