INDvAUS: खराब प्रदर्शन के बावजूद कोहली ने इस वजह से राहुल पर जताया भरोसा
भारत और ऑस्ट्रेलिया के चेन्नई वनडे से पहले विराट कोहली ने भरोसा जताया है कि लोकेश राहुल चौथे नंबर प
कोहली ने राहुल पर जताया भरोसा
भारत और ऑस्ट्रेलिया के चेन्नई वनडे से पहले विराट कोहली ने भरोसा जताया है कि लोकेश राहुल चौथे नंबर पर अच्छी बल्लेबाजी करेंगे। जब कि राहुल पिछले कुछ मैचों में खुद को बेहतर साबित करने में फेल रहे हैं।
राहुल के फॉर्म के बारे में कोहली ने कहा, केएल राहुल बेहतरीन प्रतिभा के धनी है। उसने सभी प्रारूपों में खुद को साबित किया है। उसका साथ देने की जरूरत है क्योंकि हमारा मानना है कि उसमें क्षमता है। हमें यकीन है कि एक बार इस क्रम पर जमने के बाद वह हमारे लिए मैच जरूर जीतेगा।
कोहली की तारीफ में बोलीं झूलन गोस्वामी, बताया वर्ल्ड का बेस्ट प्लेयर
कोहली का मानना है कि राहुल ही नहीं बल्कि टीम के हर खिलाड़ी को लचीला होना होगा। उन्होंने कहा, यदि आप ऐसा सोचें कि एक प्रारूप में आप जिस क्रम पर बल्लेबाजी करते हैं, सभी प्रारूपों में उसी क्रम पर करेंगे तो टीम के लिए सही संतुलन बनाना मुश्किल हो जाता है। खिलाड़ियों को टीम की जरूरतों के मुताबिक खुद को ढालना होगा।
कोहली ने कहा, मैंने टी-20 क्रिकेट में पारी की शुरूआत की है। मुझे इतना लचीला होना होगा। यह खिलाड़ी पर निर्भर करता है कि वह टीम की जरूरत के अनुसार उतर सके। उन्होंने कहा कि किसी भी बल्लेबाज को नये क्रम पर जमने में समय लगता है।
टीम को अलग नजरिये की जरूरत
खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर कोहली ने कहा, इसमें समय लगता है। यह आसान नहीं है। अजिंक्य रहाणे ने वनडे में मध्यक्रम पर खेला और टेस्ट में भी वह खेलता है। उसने वनडे में पारी का आगाज भी किया। उसे भी दिक्कत हुई लेकिन हमने उसका साथ दिया। उसे पता है कि रणनीति साफ है।
यह पूछने पर कि ऑस्ट्रेलिया कठिन प्रतिद्वंद्वी होने के कारण क्या उनकी रणनीति अलग होगी, उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि हमें अलग नजरिये की जरूरत है। मैंने श्रीलंका के खिलाफ सीरीज से पहले भी कहा था कि आपका विरोधी नहीं बल्कि आपकी तैयारी अहम है। आप सभी टीमों की ताकतों और कमजोरियों का आंकलन करते हैं।
INDvAUS: तकनीकी खराबी की वजह से ऑनलाइन टिकट बुकिंग हुई बंद
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली टेस्ट सीरीज काफी तनावपूर्ण थी और कोहली ने कहा कि हर सीरीज में प्रतिस्पर्धा होना जरूरी है। यह पूछने पर कि क्या अधिक प्रतिस्पर्धी होने से खिलाड़ी आपा खो देते हैं, उन्होंने कहा, मुझे ऐसा नहीं लगता। आप कुछ भी कहने के लिये स्वतंत्र हैं। आप सारा समय बोलते रहिये लेकिन मैदान पर नतीजा नहीं निकलता तो सब बेकार है। मानसिक द्वंद्व की बातें दर्शकों के लिये भी रोमांच पैदा करती है।